रामायण के किरदार कुंभकर्ण को हमेशा नकारात्मक छवि में देखा गया है. कुंभकर्ण को अगर उस नकारात्मक छवि से बाहर निकालकर देखा जाए तो दरअसल कुंभकर्ण सोई हुई महाशक्तियों का विशेषण भी है. एक ऐसी महाशक्ति जो जाग गई तो उसे रोकना बहुत मुश्लिक है. 



हिंदुस्तानी क्रिकेट में भी एक कुंभकर्ण है. क्रिकेट की एक ऐसी शक्ति जो जब तक सोई हुई है तब तक तो ठीक है अगर जग गई तो वो दूसरों को सोने नहीं देगी. इस महाशक्ति का नाम है रोहित शर्मा- महाबलि रोहित शर्मा. रोहित शर्मा की ‘बॉडी लैंग्वेज’ कभी भी एक आक्रामक खिलाड़ी की नहीं रही है लेकिन जब उन्होंने बल्ला थामा तो गेंदबाजों के छक्के छुड़ा दिए. 



फॉर्म और फिटनेस का साथ रोहित शर्मा को हमेशा नहीं मिला. वरना वो आज जिस मुकाम पर हैं उससे कहीं आगे होते. बड़े से बड़ा दिग्गज खिलाड़ी इस बात को मानता है कि मौजूदा दौर में रोहित शर्मा जैसे काबिल खिलाड़ी पूरी दुनिया में कम ही हैं. जरा इन रिकॉर्ड्स को देखिए- आप भी मान जाएंगे कि रोहित शर्मा होने का मतलब क्या होता है-



• वनडे क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ 264 रन की पारी



• वनडे में 2 दोहरे शतक बनाने वाले इकलौते बल्लेबाज़



• इंटरनेशनल क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में शतक बनाने वाले बल्लेबाज़



• आईपीएल में तीसरे सबसे ज्यादा 3,874 रन बनाने वाले बल्लेबाज़



• आईपीएल में सबसे ज्यादा 163 छक्के लगाने वाले भारतीय



• और आईपीएल के मौजूदा कप्तानों में भी 58.62 सर्वश्रेष्ठ जीत का प्रतिशत 



अब इन रिकॉर्ड्स को जानने के बाद आपको इस बात में कोई शक नहीं रह गया होगा कि वो महाबलि है. अब बताते हैं कि हमने रोहित शर्मा की बात करने के लिए कुंभकर्ण का उदाहरण क्यों लिया? दरअसल रोहित शर्मा करीब पांच महीने बाद क्रिकेट के मैदान में वापसी कर रहे हैं. रोहित शर्मा को पहले जांघ में तकलीफ हुई थी. इसके बाद उन्हें घुटनों में दर्द से भी जूझना पड़ा. अक्टूबर में न्यूजीलैंड के खिलाफ विशाखापत्तनम वनडे मैच में रन लेते वक्त उन्हें तकलीफ हुई थी. उस मैच में रोहित शर्मा ने 70 रनों की शानदार पारी खेली थी. भारत ने वो मैच 190 रनों के बड़े अंतर से जीता था. उस मैच के बाद से ही रोहित शर्मा को मैदान से बाहर होना पड़ा था. 



रोहित में कूट कूट कर भरा है ‘टैलेंट’ 



2007 की बात है. भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर थी. पूरी टीम से अलग सचिन तेंडुलकर ‘इनडोर’ प्रैक्टिस कर रहे थे. इसकी एक खास वजह ये भी थी कि उन्होंने भारतीय टीम के पूर्व गेंदबाज और अपने दोस्त सुब्रत बनर्जी को नेट्स में गेंदबाजी के लिए अलग से बुलाया हुआ था. सचिन चाहते थे कि सुब्रत उन्हें सिर्फ ऑफ स्टंप के बाहर की गेंदों पर बल्लेबाजी का अभ्यास कराएं. सचिन उन दिनों ऑफ स्टंप के बाहर की गेंदों को छेड़ने में अक्सर आउट हो रहे थे. सिडनी में इस खास प्रैक्टिस सेशन के बाद सचिन ने शानदार शतक भी लगाया था. 



खैर, उस पूरी सीरीज में सचिन जब भी टीम के साथ ‘आउट़डोर नेट्स’ में प्रैक्टिस करने आए तो उन्होंने थोड़ा वक्त अलग से निकालकर रोहित शर्मा को ‘प्रैक्टिस’ जरूर कराई. एक बार यूं ही बातों बातों में मैंने इसकी वजह पूछी तो सचिन का बड़ा ही संक्षिप्त सा जवाब था- बहुत ‘टैलेंटेड’ है. यही बात विराट कोहली भी कहते हैं. विराट कोहली कई बार सावर्जनिक तौर पर कह चुके हैं कि वो रोहित शर्मा के ‘फैन’ हैं. उन्होंने कहा है कि रोहित शर्मा जब बल्लेबाजी करते हैं तो वो सिर्फ उन्हें देखते हैं. रोहित शर्मा में सचिन तेंडुलकर जैसा क्लास है. आक्रमण करने के मामले में वो विवियन रिचर्ड्स से भी खतरनाक हैं. उनमें इंजमाम उल हक जैसी ‘स्लीपिंग ब्यूटी’ भी है. जब रोहित शर्मा का दिन हुआ तो वो किसी गेंदबाज को नहीं छोड़ते.



आईपीएल के रास्ते होगी टीम इंडिया में वापसी



रोहित शर्मा की कप्तानी में मुंबई इंडियंस ने 2013 और 2015 में आईपीएल का खिताब जीता था. 2015 में तो वो फाइनल में मैन ऑफ द मैच भी थे. उन्होंने 26 गेंद पर तूफानी 50 रन बनाए थे. मुंबई ने चेन्नई सुपर किंग्स को 41 रनों से हराकर खिताब जीता था. अब रोहित शर्मा आईपीएल में अच्छे प्रदर्शन के जरिए टीम इंडिया में वापसी का रास्ता निकालेंगे. इस बात में किसी को कोई शक नहीं है कि अगर रोहित शर्मा ‘फिट’ हैं तो टीम इंडिया में उनकी जगह बनती है. अपनी फिटनेस साबित करने के लिए रोहित शर्मा के पास इससे अच्छा मौका नहीं है.