भारत ने श्रीलंका को एक और टेस्ट मैच में हरा दिया है. इस टेस्ट मैच में हार का अंतर पहले दोनों टेस्ट मैचों से भी बड़ा था. जो इस बात को साबित करता है कि जैसे जैसे सीरीज आगे बढ़ती गई वैसे वैसे भारतीय टीम का प्रदर्शन निखरता चला गया और श्रीलंकाई टीम का गिरता चला गया. ये सच है कि इस जीत के साथ ही भारतीय टीम ने विदेशी जमीन पर 3 टेस्ट मैचों की सीरीज में इतिहास में पहली बार ‘व्हाइटवॉश’ किया है.



ये भी सच है कि करीब 50 साल बाद भारतीय टीम ने विदेशी जमीन पर 3 टेस्ट मैच जीते हैं. जाहिर है ये दोनों उपलब्धियां बहुत बड़ी हैं, लेकिन टेस्ट क्रिकेट की लोकप्रियता के लिहाज से देखा जाए तो इस तरह के टेस्ट मैच उसे नुकसान ही पहुंचाएंगे. श्रीलंकाई क्रिकेट फैंस के लिए जहां मैदान में जाने का मतलब ही था अपनी टीम को लगातार हारते हुए देखना. टेस्ट क्रिकेट के लिए वैसे ही दर्शकों को मैदान तक लाना चुनौती भरा काम है उस पर से इस तरह के एकतरफा मैच उसे और नीरस कर देते हैं. 



तीसरे टेस्ट मैच का ऐसा रहा हाल  



पल्लेकल में भारत ने श्रीलंका को पारी और 171 रनों के बड़े अंतर से हराया. भारत ने पहली पारी में 487 रन बनाए थे. दिलचस्प बात ये है कि इस टेस्ट मैच में मिडिल ऑर्डर के बल्लेबाज पूरे रंग में नहीं दिखाई दिए. वो तो शिखर धवन और हार्दिक पांड्या ने शानदार शतक लगाए. केएल राहुल के 85 रन भी थे. जिसकी बदौलत भारतीय टीम 500 रनों के करीब पहुंच गई. 339 रनों पर पर ऋद्धिमान साहा आउठ हुए थे और भारत का सातवां विकेट गिरा था तो लगा कि बहुत खींच तान कर भारत का स्कोर पौने चार सौ के करीब जाएगा.



ऐसे में हार्दिक पांड्या ने ताबड़तोड़ शतक लगाकर स्कोर को 500 के करीब पहुंचा दिया. जवाब में श्रीलंका की टीम पहली पारी में 135 और दूसरी पारी में 181 रनों पर आउट हो गई. दोनों पारियों को मिलाकर आर अश्विन ने 6 विकेट लिए. कुलदीप यादव और मोहम्मद शमी ने 5-5 विकेट लिए. श्रीलंका की तरफ से पहली पारी में 48 और दूसरी पारी में 41 रन सर्वश्रेष्ठ स्कोर रहे. जो ये बताने के लिए काफी है कि श्रीलंका के बल्लेबाज किस तरह मैदान में उतरने से पहले ही हार मान चुके थे. 



इससे पहले भी टीम इंडिया को मिली थी एकतरफा जीत



इससे पहले भारतीय टीम ने पहले टेस्ट मैच में श्रीलंका को 304 रनों बड़े अंतर से हराया था. उस टेस्ट मैच में शिखर धवन, चेतेश्वर पुजारा और विराट कोहली ने शतक लगाया था. दूसरे टेस्ट मैच में चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे ने शतक लगाया. दूसरे टेस्ट मैच में भारतीय टीम पारी और 53 रनों के अंतर से जीती थी. तीसरे टेस्ट मैच में ये अंतर और ज्यादा बढ़ गया. तीनों टेस्ट मैचों में श्रीलंकाई बल्लेबाज ना तो भारतीय स्पिनर्स का सामना सही से कर पाए और ना ही तेज गेंदबाजों का. 



दूसरे टेस्ट मैच में रवींद्र जडेजा मैन ऑफ द मैच बने थे. इसके तुरंत बाद उन पर बैन लग गया था जिसकी वजह से वो तीसरा टेस्ट मैच नहीं खेल पाए. उनकी गैरमौजूदगी का भी श्रीलंका की टीम फायदा नहीं उठा पाई. उनकी जगह पर शामिल किए गए कुलदीप यादव ने 5 विकेट चटकाए. तीन टेस्ट मैचों में करारी हार के बाद 20 अगस्त से दोनों टीमों के बीच 5 वनडे मैचों की सीरीज खेली जाएगी. आखिर में 6 सितंबर को एक टी-20 मैच भी खेला जाना है. यूं तो तीनों फॉर्मेट अलग अलग हैं लेकिन टेस्ट सीरीज में श्रीलंका की जो दुर्गति हुई है उससे लगता नहीं कि वनडे सीरीज में टीम इंडिया को बहुत मुश्किल आने वाली है.