टीम इंडिया के धाकड़ बल्लेबाज रोहित शर्मा के लिए ऑस्ट्रेलिया दौरा टेस्ट करियर का ‘टर्निंग प्वाइंट’ साबित हो सकता है. बशर्ते विराट कोहली उस नजरिए से सोचें जिससे धोनी ने कई साल पहले सोचा था. पहेलियों में बात ना करके सीधे-सीधे बताते हैं. ऑस्ट्रेलिया में प्रैक्टिस मैच के दौरान पृथ्वी शॉ को चोट लग गई. पहले टेस्ट मैच के प्लेइंग 11 में उनका खेलना संभव नहीं है. प्रैक्टिस मैच में मुरली विजय ने शतक जड़कर अपना नाम ‘कन्फर्म’ कर लिया है. अब टीम इंडिया को तलाश उनके जोड़ीदार की है. यूं तो केएल राहुल ने भी दूसरी पारी में अर्धशतक लगाया है लेकिन वो लंबे समय से आउट ऑफ फॉर्म चल रहे हैं. यहां तक की प्रैक्टिस मैच की पहली पारी में वो सिर्फ 3 रन ही बना पाए थे.
ऐसे में सवाल ये है कि क्या विराट कोहली रोहित शर्मा पर पारी की शुरूआत करने का जिम्मा डालेंगे. इस लाइन पर टीम मैनेजमेंट में चर्चा जरूर होगी. वनडे और टी-20 क्रिकेट में रोहित शर्मा टीम इंडिया के लिए ओपनर का ही रोल निभाते हैं. करीब पांच साल पहले उन्हें ये रोल उस वक्त टीम के कप्तान रहे महेंद्र सिंह धोनी ने सौंपा था. जिस रोल पर रोहित शर्मा खरे उतरे. आज वर्ल्ड क्रिकेट के सबसे विध्वंसक क्रिकेटर के रूप में उनकी पहचान इसी ‘ओपनिंग पोजीशन’ ने कराई है. वनडे में बतौर ओपनर रोहित शर्मा की कहानी जान लेते हैं फिर टेस्ट करियर की बात करेंगे.
रोहित शर्मा का वनडे करियर 2007 में शुरू हुआ था. उस समय वो मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी किया करते थे. इसके बाद 2011 में उन्हें दक्षिण अफ्रीका में ओपनिंग का जिम्मा उठाना पड़ा. लेकिन जैसे ही टीम के ‘रेग्यूलर ओपनर्स’ लौटे रोहित ओपनिंग से हट गए. फिर 2013 का साल आया. इंग्लैंड की टीम भारत के दौरे पर थी. कप्तान धोनी ने रोहित शर्मा से कहाकि वो पारी की शुरूआत का जिम्मा उठाएं. ऐसा कहा जाता है कि रोहित शर्मा ने इस बात पर फैसला करने के लिए एक रात का समय मांगा था. अगली सुबह उनका जवाब ‘हां’ में था.
23 जनवरी 2013 को खेले गए उस मैच में रोहित शर्मा ने बतौर सलामी बल्लेबाज 93 गेंद पर 83 रन बनाए थे. टी-20 क्रिकेट में रोहित शर्मा पहले से ही पारी की शुरूआत कर रहे थे. 2009 में उन्हें टी-20 में ओपनिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. उसके बाद से लेकर अब तक बतौर ओपनर वनडे और टी-20 में उनके आंकड़े देखिए.
ओपनिंग करके बदली थी रोहित शर्मा की किस्मत
रोहित शर्मा ने 109 वनडे मैचों में 58.37 की औसत से 5487 रन बनाए हैं. उनका स्ट्राइक रेट 92.95 का है. इसमें 19 शतक और 25 अर्धशतक शामिल हैं. ऐसे ही टी-20 में उन्होंने 59 मैचों में 1837 रन बनाए हैं. उनकी औसत है 34.66 और स्ट्राइक रेट 140 से ज्यादा का है. टी-20 में भी रोहित शर्मा ने बतौर ओपनर 4 शतक और 11 अर्धशतक लगाए है.
उनका दुर्भाग्य ये है कि टेस्ट क्रिकेट में वो आजतक अपनी उपयोगिता साबित नहीं कर पाए हैं. उन्हें टेस्ट टीम में कई बार मौका मिला लेकिन वो नाकाम रहे. इस बार भी टेस्ट टीम में उन्हें जगह देने का कोई आधार नहीं था. पिछली टेस्ट सीरीजों में उन्हें जब जब मौका मिला वो फेल ही रहे. बावजूद इसके चयनकर्ताओं ने उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम में जगह दी. बात आगे बढ़ाने से पहले एक बार रोहित शर्मा के टेस्ट करियर पर नजर डाल लेते हैं. उन्होंने 25 टेस्ट मैच में 1479 रन बनाए हैं. उनका औसत करीब 40 का है और 3 शतक उनके खाते में है.
रोहित शर्मा को लेकर जो रिस्क धोनी ने लिया था क्या विराट कोहली ऐसा करेंगे. रोहित शर्मा ‘अटैकिंग’ और ‘स्ट्रोकमेकिंग’ खिलाड़ी हैं. वो उन पिचों पर अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं जहां गेंद बल्ले पर आती है. रोहित की मुश्किल ये रहती है कि वो अब तक तय नहीं कर पाए हैं कि टेस्ट क्रिकेट में उन्हें अपना स्वाभाविक आक्रामक खेल खेलना चाहिए या फिर रक्षात्मक ‘अप्रोच’ से खेलना चाहिए.
अब ये बात विराट कोहली पर निर्भर करती है कि वो रोहित शर्मा को किस रोल में देखते हैं और उस रोल के लिए कैसे तैयार करते हैं. इन सारी बातों में थोड़ा सा पेंच ये है कि हाल के दिनों में ऐसी खबरें गर्म थीं कि विराट कोहली और रोहित शर्मा में अनबन चल रही है. इन अनबन के पीछे टेस्ट टीम में रोहित शर्मा का ना चुना जाना ही था. अब रोहित टीम में जगह तो पा गए हैं लेकिन प्लेइंग 11 में जगह बनाने के लिए कुछ ना कुछ बड़ा दांव चलना होगा. रोहित शर्मा को भी और विराट कोहली को भी.