मुंबई इंडियंस के खिलाफ नो-बॉल तो खैर विराट कोहली को भारी पड़ी ही वो आखिरी 30 रन भी भारी पड़े जो आखिरी के दो ओवरों में पड़े. यजुवेंद्र चहल के शानदार स्पेल के बाद मुंबई इंडियंस की टीम के रनों की रफ्तार पर लगाम लग गई थी. चहल के ओवर के साथ ही आरसीबी ने जब 16वें ओवर की गेंदबाजी खत्म की तब मुंबई इंडियंस के स्कोरबोर्ड पर 145 रन थे और उनके पांच विकेट आउट हो चुके थे. 16वें ओवर में चहल ने सिर्फ 6 रन दिए थे. इसके बाद 17वें ओवर में उमेश यादव ने सिर्फ 2 रन दिए. यानि 17 ओवर के बाद मुंबई का स्कोर था 147 रन.


इसके बाद अगले तीन ओवर में आरसीबी के गेंदबाजों ने 40 रन लुटा दिए. मोहम्मद सिराज ने 18वें ओवर में 10 रन दिए. नवदीप सैनी ने 19वें ओवर में 15 रन दिए. मोहम्मद सिराज ने आखिरी ओवर में फिर 15 रन दिए. आखिरी के तीन ओवरों में मुंबई की तरफ से हार्दिक पांड्या ने जबरदस्त बल्लेबाजी की. उन्होंने सिर्फ 14 गेंद पर 32 रन बनाए. इसमें 2 चौके और 3 छक्के शामिल हैं. 188 रनों का ये लक्ष्य विराट कोहली की टीम पर भारी पड़ा और उनकी टीम 6 रन से मैच हार गई. इसके साथ ही एक बार फिर ये बहस सामने आई कि रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम ‘डेथ ओवर’ में इतनी गलतियां कैसे कर जाती है.


पिछले सीजन से पीछा नहीं छोड़ रहा ‘डेथ ओवर’ का भूत
पिछले सीजन यानि 2018 के कुछ लीग मैचों को आपको याद दिलाते हैं. विराट कोहली की आरसीबी कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ मैच में 175 रन डिफेंड कर रही थी और 17वें और 18वें ओवर में 14-14 रन दे दिए थे. इसके अलावा चेन्नई सुपरकिंग्स के खिलाफ मैच में आरसीबी ने 206 रनों का लक्ष्य दिया था. 200 रनों के पार का स्कोर किसी भी पिच पर ‘चेज’ करना आसान नहीं होता. लेकिन 18वें ओवर में कोरे एंडरसन ने 15 रन दिए. 19वें ओवर में मोहम्मद सिराज ने 14 रन दिए. इसके बाद भी आखिरी ओवर में जीत के लिए 16 रन चाहिए थे. आखिरी ओवर एंडरसन ने किया और चौथी ही गेंद पर धोनी ने छक्का लगाकर चेन्नई को जीत दिला दी.


राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ मैच में 15वें ओवर के खत्म होने तक राजस्थान का स्कोर 129 रन पर तीन विकेट था. इसके बाद रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के गेंदबाजों ने 16वें ओवर में 13 रन, 17वें ओवर में 15 रन, 18वें ओवर में 16 रन और 19वें ओवर में 17 रन दे दिए. हद तो तब हो गई थी जब 20वें ओवर में उमेश यादव ने 27 रन दे दिए. यानि आखिरी के पांच ओवरों में विराट कोहली के गेंदबाजों ने 85 रन लुटाए थे. बंगलुरू के गेंदबाजों की कुछ ऐसी ही स्थिति मुंबई के बल्लेबाजों ने पिछले सीजन में भी की थी. मुंबई इंडियंस के खिलाफ लीग मैच में 16 ओवर के खत्म होने तक स्कोर 153 रन पर चार विकेट था. लेकिन 17वें ओवर में 13 रन, 18वें ओवर में 11 रन, 19वें ओवर में 15 रन और आखिरी ओवर में 21 रन लुटाकर बंगलुरू के गेंदबाजों ने मुंबई के स्कोर को 213 रन तक पहुंचा दिया. आखिरी चार ओवरो में 60 रन किसी भी टीम पर भारी पड़ते हैं. ये सभी मैच आरसीबी की टीम हार गई.


गेंदबाजों को करनी होगी खास तैयारी
विराट कोहली को अपने गेंदबाजों के साथ ‘डेथ ओवर’ को लेकर बात करनी होगी. आईपीएल में आजकल गेंदबाज खास तरह से तैयारी करते हैं. जिस गेंदबाज की जो ताकत है वो उसी को और तराशने के लिए पसीना बहाता है. सटीक यॉर्कर फेंकने के लिए कई कई ओवर नेट्स में पसीना बहाया जाता है. अभी पहले दो मैच ही हाथ से गए हैं लेकिन पिछले सीजन के आधा दर्जन मैचों के उदाहरण सामने हैं. अगर ‘डेथ ओवर’ की दिक्कत दूर नहीं हुई तो दुनिया के दो सबसे आक्रामक बल्लेबाज यानि विराट कोहली और एबी डिविलियर्स के होने के बाद भी आरसीबी की मुश्किलें दूर नहीं होंगी.