बैंगलोर के चिन्नास्वामी स्टेडियम में आज कोलकाता नाइट राइडर्स और मुंबई इंडियंस की टीमें आमने सामने होंगी. दोनों ही टीमों के सामने फाइनल में पहुंचने की चुनौती है. इस चुनौती भरे मैच से पहले क्रिकेट प्रेमियों के दिमाग में एक सवाल बार बार आ रहा है. इस अहम मैच से पहले क्या मुंबई की टीम में सन ऑफ सरदार यानि हरभजन सिंह की वापसी होगी? 



 



हरभजन सिंह मुंबई की टीम के अहम खिलाड़ी रहे हैं. वो मुंबई के सबसे अनुभवी खिलाड़ी हैं. उन्हें बड़े मैचों में बड़े प्रदर्शन की आदत है. उन्हें दबाव लेना आता है. इन सारी खूबियों के बाद भी पुणे के खिलाफ क्वालीफायर मैच में रोहित शर्मा ने हरभजन सिंह को प्लेइंग-11 का हिस्सा नहीं बनाया था. पुणे ने उस मैच में मुंबई को हराया और फाइनल में जगह बना ली. जबकि प्वाइंट टेबल में पहली पायदान पर चल रही मुंबई की टीम का फाइनल में जगह बनाने का रास्ता कठिन हो गया. 



 



जाहिर है इस हार के बाद हुए ‘पोस्टमार्टम’ में ये बड़ा मुद्दा बना कि हरभजन सिंह को पुणे के खिलाफ क्यों नहीं खिलाया गया और क्या कोलकाता के खिलाफ आज के मैच में उनकी मैदान में वापसी होगी?



 



हरभजन सिंह को बाहर करने की क्या थी वजह?



 



दरअसल पुणे के खिलाफ क्वालीफायर मैच से पहले आखिरी लीग मैच में हरभजन सिंह का प्रदर्शन खराब रहा था. किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ हुए उस मैच में हरभजन सिंह काफी खर्चीले साबित हुए थे. उन्होंने 3 ओवर में 45 रन लुटा दिए थे. पंजाब के कप्तान ग्लेन मैक्सवेल ने हरभजन सिंह के एक ही ओवर में तीन छक्के लगाए थे. 



 



इसके अलावा हरभजन सिंह को दो छक्के और पड़े थे यानि उन्हें कुल 5 छक्के पड़े थे. इसके अलावा पुणे की टीम का पूरा का पूरा टॉप ऑर्डर दाएं हाथ के बल्लेबाजों से भरा हुआ है. इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर रोहित शर्मा ने हरभजन सिंह को प्लेइंग-11 से बाहर रखने का फैसला लिया होगा. 



 



हालांकि आज के अहम मैच से पहले रोहित शर्मा को ये बात ध्यान में रखनी चाहिए कि किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ खराब प्रदर्शन के बाद आज भी हरभजन सिंह उनकी टीम के सबसे किफायती खिलाड़ी हैं. हरभजन सिंह ने इस सीजन के अब तक खेले 11 मैचों में 6.4 की इकॉनमी से गेंदबाजी की है. पूरे सीजन में इकॉनमी के लिहाज से टॉप गेंदबाजों की लिस्ट में हरभजन सिंह छठे नंबर पर हैं. अगर 10 से ज्यादा मैच खेलने वाले गेंदबाजों के इकॉनमी रेट को आधार बनाया जाए तो वो दूसरे नंबर पर हैं. जाहिर है किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ उनका बुरा दिन था. 



 



कोलकाता के खिलाफ दोनों लीग मैच में भज्जी का लेखा जोखा



 



इस सीजन में कोलकाता के खिलाफ खेले गए दोनों लीग मैच में मुंबई इंडियंस को जीत मिली थी. दोनों मैच में हरभजन सिंह प्लेइंग 11 का हिस्सा थे. 9 अप्रैल को मुंबई में खेले गए मैच में हरभजन सिंह ने 4 ओवर में 27 रन दिए थे. 20 अप्रैल को इंदौर में खेले गए दूसरे लीग मैच में भज्जी ने 2 ओवर में 12 रन दिए थे.



 



मुंबई और कोलकाता दोनों ही टीमें दो दो बार आईपीएल का खिताब जीत चुकी हैं. हरभजन सिंह के प्लेइंग 11 में होने का सबसे बड़ा फायदा उनका अनुभव है. पिछले डेढ़ दशक में वो भारतीय क्रिकेट की हर बड़ी जीत का हिस्सा रहे हैं. वो देश के सबसे कामयाब ऑफ स्पिनर हैं. मुंबई की टीम में भी हरभजन सिंह का रोल काफी पुराना है. ये वो बातें हैं जो हरभजन सिंह के पक्ष में जाती हैं. आज शाम मुंबई इंडियंस की टीम जब कोलकाता के खिलाफ मैदान में उतरेगी तो करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों की निगाहें इसी बात पर टिकी होंगी कि हरभजन सिंह प्लेइंग 11 में शामिल किए गए या नहीं?