Ashes 2019: गर्दन में गेंद लगने के बाद स्मिथ को आ गई थी फिलिप ह्यूज की याद
इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच के दौरान जोफ्रा आर्चर की गेंद पर चोटिल होने वाले ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज बल्लेबाज स्टीव स्मिथ ने कहा कि जब गेंद उनके गर्दन पर लगी उस समय उन्हें फिलिप ह्यूज की याद आई थी.
ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान स्टीव स्मिथ ने एशेज सीरीज के दूसरे टेस्ट के दौरान लगी चोट के अनुभव को साझा किया. स्मिथ ने कहा की जब जोफ्रा आर्चर की गेंद उनकी गर्दन पर लगी तब उन्हें अपने पूर्व साथी खिलाड़ी दिवंगत फिलिप ह्यूज की याद आ गई थी. ह्यूज की घरेलू मैच में सिर में गेंद लगने के कारण मौत हो गई थी.
स्मिथ ने कहा, "मेरे दिमाग में कुछ चीजें चल रही थीं. खासकर जब मुझे गेंद लगी तो मेरे दिमाग में अतीत छा गया था. आप समझ गए होंगे मेरा क्या मतलब है.. कुछ साल पहले की बात याद आ गई थी."
इस बात से स्मिथ का मतलब ह्यूज के सिर में लगी गेंद वाले हादसे से था जिसमें ह्यूज अपनी जान गंवा बैठे थे. 2014 में ऑस्ट्रेलिया के घरेलू टूर्नामेंट शेफील्ड शील्ड में न्यूज साउथ वेल्स और साउथ ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए मैच में यह हादसा हुआ था.
पूर्व कप्तान ने कहा, "यह शायद पहली चीज थी जो मेरे दिमाग में आई थी. इसके बाद मैंने सोचा कि मैं ठीक हूं."
लॉर्ड्स में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन स्मिथ जब 80 रनों पर बल्लेबाजी कर रहे थे, तब इंग्लैंड के आर्चर की गेंद स्मिथ के कान के नीचे गर्दन पर लगी थी और वह मैदान पर गिर पड़े थे. कुछ देर के लिए वह बाहर भी गए थे. जब वह वापस आए तो अपने खाते में उन्होंने 12 रनों का इजाफा किया लेकिन वे शतक पूरा नहीं कर पाए और 92 रन पर आउट हो गए.
स्मिथ ने कहा, "मैं थोड़ा दुखी हुआ था लेकिन बाकी पूरे दिन में ठीक रहा. मैं अच्छा महसूस कर रहा था और मैंने अपने सभी टेस्ट पास कर लिए थे. मैं बल्लेबाजी भी करने गया था लेकिन देर शाम को मुझे कुछ हुआ."
दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने बताया, "जब डॉक्टर ने मुझसे पूछा कि मुझे कैसा महसूस हो रहा है तो मैंने कहा कि मुझे लग रहा है कि मैंने छह बीयर पी ली हैं. मुझे इस तरह की भावनाएं आ रही थीं और इन्हीं के साथ मैं कुछ दिनों तक रहा."
स्मिथ ने हालांकि इस हादसे के बाद से स्टेमगार्ड पहनने का मन नहीं बनाया है.
उन्होंने कहा, "मैंने पहले स्टेमगार्ड पहने हैं और एक दिन पहले जब मैं नेट्स में बल्लेबाजी कर रहा था तब भी मैंने इनका उपयोग किया था. मुझे लगा कि मेरे दिल की धड़कन सीधे 30 से 40 तक बढ़ गई. मुझे उन्हें पहन कर कुछ कसा हुआ महसूस होता है. मैं इसकी तुलना एमआरआई स्कैन मशीन में फंसने से कर सकता हूं."