IND vs AUS: मेलबर्न में दूसरे दिन टीम इंडिया ने क्यों बांधी काली पट्टी, वजह जानकर आप भी हो जाएंगे गमगीन
Border Gavaskar Trophy: IND VS AUS के बीच बॉक्सिंग डे टेस्ट के दूसरे दिन की शुरुआत एक भावुक पल के साथ हुई. भारतीय टीम काली पट्टी बांधकर मैदान में उतरी. यह नजारा हर किसी के लिए चर्चा का विषय बन गया.
Manmohan Singh Death: बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 का चौथा टेस्ट मैच 26 जनवरी से खेला जा रहा है. यह टेस्ट मैच मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर खेला जा रहा है. जिसमें ऑस्ट्रेलिया की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए मजबूत पकड़ बना ली है. पहले दिन के खेल में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 86 ओवर में 6 विकेट के नुकसान पर 311 रन बनाए. दूसरे दिन जब खेल शुरू हुआ तो सभी क्रिकेट फैंस के बीच एक सवाल उठा. वो सवाल टीम इंडिया के खिलाड़ियों को लेकर था, क्योंकि टीम इंडिया हाथ पर काली पट्टी बांधकर मैदान पर उतरी थी. जो चर्चा का विषय बन गया.
दिन टीम इंडिया ने क्यों बांधी काली पट्टी
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉक्सिंग डे टेस्ट के दूसरे दिन भारतीय क्रिकेट टीम काली पट्टी बांधकर मैदान पर उतरी. यह नजारा दर्शकों और प्रशंसकों के लिए चर्चा का विषय बन गया. टीम इंडिया ने यह कदम भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक जताने के लिए उठाया. मैदान पर खिलाड़ियों द्वारा पहनी गई काली पट्टी इस बात का प्रतीक थी कि टीम न केवल खेल बल्कि देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी को भी गंभीरता से लेती है. भारतीय कप्तान रोहित शर्मा की अगुआई वाली टीम ने यह कड़ा संदेश दिया.
The Indian Cricket Team is wearing black armbands as a mark of respect to former Prime Minister of India Dr Manmohan Singh who passed away on Thursday. pic.twitter.com/nXVUHSaqel
— BCCI (@BCCI) December 27, 2024
कब हुआ डॉ. मनमोहन सिंह का निधन?
डॉ. मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में 26 दिसंबर 2024, गुरुवार रात नई दिल्ली में निधन हुआ. वे भारत के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले प्रधानमंत्रियों में से एक थे. उन्होंने 2004 से 2014 तक यूपीए सरकार का नेतृत्व किया। इससे पहले 1991 में वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने भारत के आर्थिक सुधारों की नींव रखी थी, जिसे देश के विकास की दिशा में एक बड़ा कदम माना जाता है.
वर्ल्ड कप 2011 के दौरान मोहाली में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सेमीफाइनल मैच में डॉ. मनमोहन सिंह की मौजूदगी आज भी यादगार है. उन्होंने उस समय पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी को आमंत्रित किया था और खेलों की ताकत के बारे में एक अनूठा संदेश दिया था.
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