नई दिल्ली: क्रिकेट के इतिहास में विरोधी टीम को दूल चटाने के लिए टीमें मैदान पर अपना जी-जान लगा देती है. ऐसा ही कुछ टीमें किसी बल्लेबाज़ को शतक से रोकने के लिए भी करती हैं लेकिन खेल भावना का ध्यान रखते हुए. सोच कर देखिए अगर खेल भावना को एक तरफ हाशिए पर रख कोई गेंदबाज़ी किसी बल्लेबाज़ को शतक बनाने से रोकने के लिए वाइड गेंदे फेंके और उसे शतक पूरा ना करने दे तो?


जी हां, ऐसी ही कुछ हुआ हाल में वेस्टइंडीज़ में खेले गए रिजनल सुपर 50 टूर्नामेंट के दौरान. वेस्ट इंडीज के नॉर्थ साउथ इलाके में आइलैंड्स और कैंट की टीमों के बीच मुकाबला खेला गया जिसमें आइलैंड्स ने पहले बल्लेबाजी करते हुए विरोधी टीम को 184 रनों का टारगेट दिया था. जिसके जवाब में कैंट टीम के ओपनर जैक क्रॉले ने शानदार बल्लेबाज़ी की और अपनी टीम को लक्ष्य के करीब पहुंचा दिया.


लेकिन जब वो 98 के निजी स्कोर पर बल्लेबाज़ी कर रहे थे, तभी आइलैंड्स के गेंदबाज़ शिनो ब्रिज ने वाइड गेंदे फेंकने का प्लान बनाया जिससे वो अपना शतक पूरा ना कर सकें. क्योंकि उस समय कैंट टीम का स्कोर 180 रन था और उन्हें जीतने के लिए 4 रनों की दरकार थी.


ब्रिज ने एक के बाद एक दो वाइड गेंदे फेंकी, इसके बाद एक और वाइड डालने की कोशिश की लेकिन क्रॉले ने उस गेंद को बल्ले से छुआकर एक रन ले लिया. इसके साथ वो 99 के स्कोर पर आ गए. लेकिन रन लेने के बाद स्ट्राइक दूसरे छोर पर खड़े बल्लेबाज़ सीन डिकसन को मिल गई. अब कैंट को जीतने के लिए 1 रन की दरकार थी, जबकि खुद क्रॉले को भी शतक के लिए एक रन चाहिए थे. लेकिन वो दूसरे छोर पर थे.


ओवर की आखिरी गेंद पर डिकसन ने गेंद को मिडविकेट की तरफ खेला. लेकिन दूसरे छोर से क्रॉले ने जीत के लिए रन लेने की इशारा किया. लेकिन डिकसन ने मना कर दिया. वहीं आइलैंड्स ने उस गेंद को बाउंड्री तक जाने दिया. ऐसा करने से कैंट मैच तो जीत गया, लेकिन क्रॉले 99 रन ही बना सके.


खेल भावना को तार पर रखकर ऐसा करने की वजह से क्रिकेट जगत में आइलैंड्स की टीम खूब आलोचना भी हुई.