दुबई: न्यूजीलैंड के पूर्व तेज गेंदबाज शेन बांड ने कहा है कि सफेद गेंद के क्रिकेट में गेंदबाज काफी हद तक दूसरे दर्जे के नागरिक की तरह होते हैं और उनका मानना है कि सीमित ओवरों के क्रिकेट में हालात उनके खिलाफ होते हैं.



 



इंग्लैंड में एक जून से शुरू हो रही चैम्पियंस ट्रॉफी से पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के लिए लिखते हुए बांड ने कहा कि सीमित ओवरों का क्रिकेट ‘बल्लेबाजों का खेल’ है.



 



उन्होंने कहा, ‘‘वनडे इंटरनेशनल मैचों के अंतिम 10 ओवरों में क्षेत्ररक्षण के नियमों में बदलाव से गेंदबाजों पर थोड़ा दबाव कम हुआ है लेकिन सिर्फ थोड़ा ही.’’ बांड ने कहा, ‘‘लेकिन अधिकांश समय सफेद गेंद के क्रिकेट में गेंदबाज दूसरे दर्जे के नागरिक की तरह ही होते हैं.’’ बांड ने कहा कि इसी असंतुलन के कारण स्पिनर नकारात्मक रणनीति अपनाते हैं.



 



उन्होंने कहा, ‘‘धीमे गेंदबाज विशेष तौर पर अधिक नकारात्मक गेंदबाजी अपना रहे हैं, इसलिए नहीं कि वे ऐसा करना चाहते हैं बल्कि इसलिए क्योंकि उन्हें ऐसा करना होगा.’’ इस पूर्व तेज गेंदबाज ने कहा कि मौजूदा हालात में जहां हर दूसरे मैच में ढेरों रन बन रहे हैं वहां गेंदबाज बिना विविधता के नहीं चल सकते.



 



उन्होंने कहा, ‘‘यार्कर को फेंकना ना सिर्फ सबसे मुश्किल गेंद फेंकने में से एक है बल्कि गलती की गुंजाइश भी बेहद कम है. इसलिए इसका समझदारी से इस्तेमाल जरूरी है. आपमें लेंथ में बदलाव की क्षमता होनी चाहिए- यार्कर फेंको, हां, लेकिन साथ ही बाउंसर, लेंथ गेंद और धीमी गेंद का भी इस्तेमाल करो.’’