भारतीय क्रिकेट टीम के गेंदबाजी कोच भरत अरुण का मानना है कि अपने निडर स्वाभाव और साहस के दम पर भारत ने चार मैचों की टेस्ट सीरीज में ऑस्ट्रेलिया को 2-1 से हराकर ऐतिहासिक सफलता हासिल की है. अरुण का कहना है कि पांच गेंदबाजों के साथ ब्रिस्बेन टेस्ट खेलना एक तरह का साहसिक फैसला था क्योंकि इससे मैच के साथ-साथ सीरीज गंवाने का भी खतरा था लेकिन टीम प्रबंधन ने यह जोखिम लिया और आज नतीजा सबके सामने है.
अरुण का कहना है कि वॉशिंगटन सुंदर को डेब्यू का मौका देना एक तरह का बड़ा रिस्क था क्योंकि सुंदर ने तीन साल से प्रथम श्रेणी मैच नहीं खेला था. सुंदर ने हालांकि अपने चयन को सार्थक करते हुए शानदार प्रदर्शन कर टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई.
अरुण ने कहा, "अंतिम टेस्ट मैच में एक अतिरिक्त बल्लेबाज खिलाने को लेकर चर्चा थी लेकिन बाद में हमने सोचा कि यह एक नेगेटिव मूव होगा और इसीलिए हमने पांच गेंदबाजों के साथ खेलने का फैसला किया. हमने सोचा-समझा जोखिम लिया, जो काम कर गया और आज नतीजा सबके सामने है."
अरुण के मुताबिक सफलता हासिल करने की दिशा में भारतीय टीम अब रिस्क लेने से नहीं चूकती और ब्रिस्बेन में अनुभवहीन गेंदबाजों के साथ खेल रहे होने के बावजूद पांच गेंदबाजों को मौका देना एक बहुत बड़ा फैसला था.
अरुण ने कहा, "हमें अगर सफल होना है तो नाकामी से घबराना नहीं होगा. वह साथ चलेगी। हम हारने से नहीं डरते. हम कुछ मैच हारेंगे और हर हार से हम कुछ ना कुछ सीखेंगे. हार खेल का हिस्सा है और एक अच्छा खिलाड़ी हार से सीखकर ही जीत हासिल करता है. हम इसी फार्मूले के साथ चल रहे थे."