ICC के फैसले से निराश ज़िम्बाबवे के क्रिकेटर्स बोले, 'इस एक फैसले ने बहुत सारे लोगों का करियर खत्म कर दिया'
आईसीसी ने सरकारी हस्तक्षेप के बाद जिम्बाब्वे को निलंबित कर दिया, इस फैसले से जिम्बाब्वे के क्रिकेटर हैरान और निराश हैं क्योंकि उनका मानना है कि इससे उनका करियर समाप्त हो गया.
आईसीसी ने सरकारी हस्तक्षेप के बाद जिम्बाब्वे को निलंबित कर दिया और इस फैसले से सिकंदर रजा सहित जिम्बाब्वे के क्रिकेटर हैरान और निराश हैं क्योंकि उनका मानना है कि इससे उनका करियर समाप्त हो गया.
आईसीसी ने गुरूवार को जिम्बाब्वे क्रिकेट को वैश्विक संस्था के संविधान के उल्लघंन के लिये तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया जो किसी भी तरह के सरकारी हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं करती.
रजा ने ट्विटर पर भावनात्मक पोस्ट में लिखा कि वह इस तरह से खेल को अलविदा नहीं करना चाहते थे.
उन्होंने अपने हैंडल पर लिखा, ‘‘कैसे एक फैसले ने एक टीम को अजनबी बना दिया. कैसे एक फैसले ने इतने सारे लोगों को बेरोजगार कर दिया. कैसे एक फैसला इतने सारे परिवारों को प्रभावित करता है. कैसे एक फैसले ने इतने सारे करियर खराब कर दिये, निश्चित रूप से मैं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को इस तरह से अलविदा नहीं करना चाहता था. ’’
How one decision has made a team , strangers How one decision has made so many people unemployed How one decision effect so many families How one decision has ended so many careers Certainly not how I wanted to say goodbye to international cricket. @ICC pic.twitter.com/lEW02Qakwx
— Sikandar Raza (@SRazaB24) July 18, 2019
जिम्बाब्वे के पूर्व कप्तान ब्रेंडन टेलर ने कहा कि इस फैसले ने इतने सारे लोगों का करियर खत्म कर दिया जो देश में इस खेल से जुड़े थे.
जिम्बाब्वे के तेज गेंदबाज कायल जार्विस ने भी सोशल मीडिया पर अपनी निराशा व्यक्त की.
वहीं जिम्बाब्वे के ऑल राउंडर सोलोमोन मायर ने आईसीसी के फैसले के बाद क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने की भी घोषणा कर दी.
उन्होंने इंस्टाग्राम पर लिखा, ‘‘मैंने खिलाड़ियों और तकनीकी स्टाफ को हाल में दौरे के अंत में अपने फैसले के बारे में बता दिया था. मैं तुरंत प्रभाव से जिम्बाब्वे क्रिकेट के सभी प्रारूपों में संन्यास लेने के अपने फैसले की घोषणा अधिकारिक रूप से करना चाहता था. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मौजूदा हालात में इस तरह जाना पड़ रहा है जो मेरे नियंत्रण में नहीं हैं. लेकिन मैंने एक नयी दिशा में कदम उठाने का फैसला किया है.’’
जिम्बाब्वे को जनवरी 2020 में भारत का दौरा करना था.