लंदन के केनिंग्सटन ओवल में खेले जा रहे पांचवे टेस्ट के दूसरे दिन भारतीय टीम ने एक बार फिर से निराश किया. जहां दिन के आखिरी के सत्रों में बल्लेबाज़ों से टीम को निराशा हाथ लगी. वहीं पहले सेशन में भारतीय गेंदबाज़ों ने जमकर रन लुटाए और टेलएंडर्स को आउट करने में उन्हें खासी मशक्कत हुई.
जसप्रीत बुमराह भी इससे इत्तेफाक रखते हैं और उनका मानना है कि गेंदबाज़ों ने प्लान के साथ इंग्लिश बल्लेबाज़ों को गेंदबाज़ी लेकिन वो काम नहीं किया. हालांकि इसके साथ ही उन्होंने टीम सलेक्शन पर भी एक बड़ा सवाल उठाते हुए कहा कि एक अतिरिक्त गेंदबाज़ आपको ज्यादा रेस्ट देता है.
बुमराह ने दूसरे दिन के खेल के बाद कहा, 'जब आपके पास एक अतिरिक्त गेंदबाज़ होता है तो वो आपको गेंदबाज़ी के वक्त आराम देता है. लेकिन जब आप चार गेंदबाज़ों के साथ गेंदबाज़ी कर रहे हो तो आपको अधिक ओवर करने होते हैं और फिर से जल्दी ही गेंदबाज़ी के लिए भी लौटना पड़ता है.'
'हमने बीते दिन और आज भी अपनी जान लगाकर गेंदबाज़ी की क्योंकि हमने बहुत अधिक ओवर फेंके. एक अतिरिक्त गेंदबाज़ आपको ज्यादा रेस्ट देता है.'
हालांकि इसके साथ ही बुमराह ने इंग्लैंड के मजबूत स्थिती में पहुंचने के लिए गेंदबाज़ों को इसका दोषी माना. उन्होंने कहा, 'बिल्कुल उन्हें 198/7 पर रोकने के बाद हम अच्छी स्थिती में थे. लेकिन उनके निचलेक्रम के बल्लेबाज़ों ने शानदार बल्लेबाज़ी की और वापसी की.'
निचलेक्रम के बल्लेबाज़ों पर बुमराह बोले 'हमने हर बल्लेबाज़ को बराबर सम्मान के साथ गेंदबाज़ी की. हमारे पास उनके हर बल्लेबाज़ के लिए एक अलग प्लान था. फिर चाहे वो निचले क्रम का ही हो. हां, लेकिन ये सही है कि हमने प्लान एग्ज़ीक्यूट करने की कोशिश की लेकिन आज(शनिवार) वो काम नहीं किया.'
इसके अलावा इंग्लैंड विकेटकीपर बल्लेबाज़ जोस बटलर ने इस मैच में टीम इंडिया की मुश्किलें बढ़ाई. उन्होंने आखिरी विकेट तक क्रीज़ पर टिककर बल्लेबाज़ी की और 89 रन बनाए.
बटलर को गेंदबाज़ी के सवाल पर बुमराह ने कहा, 'जोस ने रन बनाए इसलिए हम कहें कि उन्हें गेंदबाज़ी करना मुश्किल था. कभी उन्हें जल्दी आउट करने पर एक गेंदबाज़ी यूनिट के तौर पर हमने कभी भी ऐसा नहीं कही कि उन्हें आउट करना आसान था. हालांकि आज उन्होंने अच्छा खेल दिखाया.
निचलेक्रम के साथ बल्लेबाज़ी करते हुए ज्यादा रन बनाने पर बुमराह बोले, 'जब वो निचलेक्रम के बल्लेबाज़ों के साथ खेले तो उन्होंने मौके का फायदा उठाया, क्योंकि ऐसे वक्त पर आपके पास बतौर एक बल्लेबाज़ आज़ादी होती है. उस समय आपके पास खोने के लिए कुछ नहीं होता. इससे पहले हमारे बल्लेबाज़ों ने भी ऐसा किया है. विराट ने भी पहले टेस्ट में ऐसा किया था.'