क्या इस बार टीम मैनेजमेंट की उम्मीदों पर खरे उतरेंगे ऋषभ पंत
ऋषभ पंत टीम इंडिया के साथ अधिकारिक तौर पर जुड़ चुके हैं. शिखर धवन के रीप्लेसमेंट के तौर पर उन्हें आईसीसी से मंजूरी मिल गई है. टीम मैनेजमेंट उनसे किस तरह की उम्मीदें कर रहा है बता रहे हैं वरिष्ठ खेल पत्रकार शिवेंद्र कुमार सिंह
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ऋषभ पंत अब विश्व कप 2019 की भारतीय टीम का हिस्सा हैं. शिखर धवन की चोट के बाद ऋषभ पंत को अधिकारिक तौर पर टीम में शामिल कर लिया गया है. आईसीसी की टेक्निकल कमेटी ने इसकी मंजूरी भी दे दी है. ऋषभ पंत लंदन तो पहले ही पहुंच गए थे लेकिन जब शिखर धवन की चोट के तय समय में ठीक ना होने के आसार दिखे तो उनका रीप्लेसमेंट लिया गया. शिखर धवन को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच के दौरान बाएं हाथ के अंगूठे पर चोट लगी थी. कमिंग्स की गेंद पर लगी उस चोट के बाद भी शिखर धवन ने शतक लगाया था. अब वो विश्व कप की टीम से बाहर हो गए हैं. शिखर धवन के रीप्लेसमेंट के तौर पर अंबाती रायडू और ऋषभ पंत में से किसी एक खिलाड़ी को टीम में शामिल किया जाना था. पिछले साल के प्रदर्शन को आधार बनाएं तो अंबाती रायडू का दावा मजबूत था लेकिन ऋषभ पंत पर चयनकर्ताओं और टीम मैनेजमेंट ने ज्यादा भरोसा जताया. उन्हें रिसर्व खिलाड़ी के तौर पर इंग्लैंड बुला लिया गया. टीम मैनेजमेंट इस बात के इंतजार में थी कि शिखर की चोट की हीलिंग का सही स्टेटस पता चल जाए जब पता चला कि शिखर की चोट की हीलिंग की रफ्तार धीमी है तो उनका रीप्लेसमेंट लेने के अलावा कोई चारा नहीं बचा था. आखिरकार ऋषभ पंत को टीम मैनजमेंट ने इंग्लैंड क्यों बुलाया? इसके पीछे की वजह आपको बताते हैं.
आखिरी ओवरों में नहीं जुड़ रहे ज्यादा रन
ऋषभ पंत को टीम में इसलिए जगह दी गई है कि वो बाद के ओवरों में तेजी से रन जोड़ सकें. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारतीय टीम ने 352 रन जरूर बनाए लेकिन 46वें और 48वें ओवर में मनचाहे रन जोड़ने में टीम कामयाब नहीं हुई. 46वें ओवर में टीम इंडिया सिर्फ 8 रन ही बना पाई. इसके बाद 48वें ओवर में भी बल्लेबाजों ने सिर्फ 9 रन जोड़े. पाकिस्तान के खिलाफ तो भारतीय टीम आखिरी पांच ओवरों में सिर्फ 38 रन ही जोड़ पाई. हार्दिक पांड्या ने 19 गेंद पर 26 रन बनाए. उनके बाद के बल्लेबाजों में विजय शंकर 15 गेंद पर 15 रन ही बना पाए थे. केदार जाधव भी 8 गेंद पर 9 रन ही बना पाए थे. 45वें ओवर तक जो भारतीय टीम आराम से साढे तीन सौ के पार जाती दिख रही थी उसे 336 रनों से ही संतोष करना पड़ा. भुवनेश्वर कुमार की चोट के बाद लगातार ये चर्चा हो रही थी कि अगर पाकिस्तानी टीम ने सूझबूझ के साथ बल्लेबाजी की तो कुछ रन कम ना पड़ जाएं. बाबर आजम और फखर जमां की साझेदारी के बाद ये डर बढ़ भी गया था लेकिन कुलदीप यादव ने ये जोड़ी तोड़कर भारतीय टीम की मुश्किलों को दूर कर दिया.
तेज बल्लेबाजी ही है ऋषभ पंत की ताकत
ऋषभ पंत के इंग्लैंड पहुंचने के बाद टीम मैनेजमेंट में उनकी स्ट्राइक रेट को लेकर लगातार बातचीत चल रही है. अंतर्राष्ट्रीय करियर में जो पांच वन डे मैच उन्होंने अभी तक खेले हैं उसमें उनका स्ट्राइक रेट 130 से ज्यादा की है. गुरूवार को भारतीय टीम के नेट्स में विजय शंकर ने भी हिस्सा नहीं लिया. विजय शंकर को बुमराह की यॉर्कर गेंद पर नेट्स में चोट लग गई थी. इन सारी बातों के मद्देनजर प्लान बी के तौर पर लगातार ये चर्चा चल रही है कि धोनी को बल्लेबाजी क्रम में ऊपर भेजा जाए. धोनी को नंबर चार या नंबर पांच पर खिलाने की वकालत कई लोग करते रहे हैं. अगर धोनी नंबर चार पर खेलते हैं तो नीचे के क्रम में ऋषभ पंत की बल्लेबाजी बहुत फायदेमंद हो सकती है. ऋषभ पंत ना सिर्फ बेखौफ होकर बल्लेबाजी करते हैं बल्कि उनको क्लीन हिटर भी माना जाता है.
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