नई दिल्ली: दिल्ली में होने वाले आईपीएल 2018 के मैचों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. दिल्ली हाईकोर्ट ने साउथ दिल्ली नगर निगम ( एसडीएमसी ) से कहा है कि अगर वह फिरोजशाह कोटला के ओल्ड क्लब हाउस को आईपीएल मैचों के लिये सर्टीफिकेट देता है और मैच के दौरान किसी भी तरह की दुर्घटना होने पर पूरी जिम्मेदारी दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ ( डीडीसीए ) की होगी.


कोर्ट ने कहा कि अगर ढांचा गिर जाता है और किसी तरह के जानमाल का नुकसान होता है तो इसकी जिम्मेदारी निगम और इस स्टेडियम का स्वामित्व रखने वाले दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ ( डीडीसीए ) की होगी.


डीडीसीए के अनुसार अगर ओल्ड क्लब हाउस का उपयोग प्रसारण उपकरण रखने और संबंधित व्यक्तियों के लिये नहीं किया जा सकता है तो फिर 23 अप्रैल से यहां होने वाले आईपीएल मैचों का आयोजन स्टेडियम में नहीं हो पाएगा.


न्यायमूर्ति राजीव शकधर ने कहा , ‘‘ आप ( डीडीसीए ) या मैं विशेषज्ञ नहीं हैं. सरकारी एजेंसी (एसडीएमसी) को हस्ताक्षर करने होंगे. उन्हें पूरी जिम्मेदारी लेनी होगी. अगर इमारत गिरती है और यहां तक कि एक भी व्यक्ति घायल होता है या जान गंवाता है तो इसके लिये आप ही जिम्मेदार माने जाओगे. मैच तो होते रहेंगे. ’’


एसडीएमसी ने कोर्ट से कहा कि उसने एक सलाहकार की सेवाएं ली हैं जिन्होंने ओल्ड क्लब हाउस की ढांचागत स्थिरता को लेकर अंतरिम रिपोर्ट दी है. डीडीसीए से शपथपत्र लेन के बाद अंतिम रिपोर्ट उपलब्ध हो जाएगी. ओल्ड क्लब हाउस को आरपी मेहता ब्लॉक के नाम से भी जाना जाता है.


एसडीएमसी ने कई मुद्दों पर शपथपत्र की मांग की है. इनमें यह भी शामिल है कि क्या ओल्ड क्लब हाउस राष्ट्रीय इमारत संहिता के अनुरूप डिजाइन किया गया है.


अदालत ने इस मामले में 20 अप्रैल को आगे सुनवाई करेगी जब डीडीसीए या उसके प्रशासक सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज विक्रमजीत सेन को अदालत को बताना होगा कि क्या वे इस बारे मे शपथपत्र दे सकते हैं.


अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि एसडीएमसी किसी भी अन्य तरह की जानकारी हासिल कर सकता है जिससे वह अंतिम निष्कर्ष पर पहुंच सके कि क्या आरपी मेहता ब्लॉक उपयोग के लिए सही है. अदालत ने निगम से कहा कि अंतिम रिपोर्ट पर उसके किसी वरिष्ठ इंजीनियर के हस्ताक्षर होने चाहिए तथा निजी सलाहकार पर पूरा बोझ नहीं डाला जाना चाहिए.