Champions Trophy 2025: ICC टूर्नामेंट्स के आयोजन से मेजबान देश को कैसे मिलता है फायदा? ऐसे होती है कमाई
CT 2025: आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी सिर्फ एक खेल आयोजन नहीं है, बल्कि मेजबान देश के लिए आर्थिक विकास का एक सुनहरा अवसर भी है. इस टूर्नामेंट के आयोजन से देश को कई लाभ मिलते हैं.
How ICC Tournament Hosting Countries Make Money: इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) कई क्रिकेट टूर्नामेंट आयोजित करता है. इनमें आईसीसी वर्ल्ड कप, आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी, आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप और आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप शामिल हैं. 2023 में आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप की मेजबानी भारत ने की, 2024 में आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप की मेजबानी वेस्टइंडीज और अमेरिका ने की. 2025 में लंदन आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल की मेजबानी करेगा। इसी तरह, आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की मेजबानी पाकिस्तान करेगा, लेकिन भारत के मैच दुबई में खेले जाएंगे.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि किसी भी आईसीसी टूर्नामेंट का मेजबान देशों की अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ता है और इन टूर्नामेंटों की मेजबानी करके वे देश कैसे कमाई करते हैं.
टूरिज्म में बड़ी बढ़ोतरी
आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जैसे बड़े आयोजनों से देश में विदेशी पर्यटकों की संख्या में भारी इजाफा होता है. दुनिया भर से क्रिकेट प्रेमी टूर्नामेंट देखने के लिए मेजबान देश आते हैं. ये पर्यटक न केवल होटल, ट्रांसपोर्टेशन और खानपान पर खर्च करते हैं, बल्कि लोकल कल्चर और ऐतिहासिक साइट्स को भी देखने जाते हैं.
ग्लोबल मंच पर पहचान
चैंपियंस ट्रॉफी जैसे आयोजन मेजबान देश को अपनी कल्चर, हॉस्पिटैलिटी और हेरिटेज को दुनिया के सामने प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान करते हैं. मीडिया कवरेज और विज्ञापन देश को ग्लोबल मंच पर एक नई पहचान देते हैं. यह पहचान लंबे समय में विदेशी निवेश को आकर्षित करने और पर्यटन को बढ़ावा देने में मददगार साबित होती है.
इन्फ्रास्ट्रक्चर का सुधार और निवेश
इतने बड़े आयोजन के लिए मेजबान देशों को स्टेडियम, सड़क, ट्रांसपोर्ट नेटवर्क और दूसरी सुविधाओं पर भारी निवेश करना पड़ता है. नए स्टेडियम बनाए जाते हैं और पुराने स्टेडियमों का नवीनीकरण किया जाता है. इसका फायदा टूर्नामेंट के बाद भी देश के नागरिकों को मिलता है.
रोजगार के अवसर
चैंपियंस ट्रॉफी जैसे आयोजनों से रोजगार के कई अवसर पैदा होते हैं. कंस्ट्रक्शन, हॉस्पिटैलिटी, सिक्योरिटी, ट्रांसपोर्टेशन और मार्केटिंग जैसे क्षेत्रों में वर्कर्स की मांग बढ़ जाती है. ये नौकरियां न केवल लोगों को शॉर्ट-टाइम रोजगार प्रदान करती हैं बल्कि उनके स्किल्स में भी सुधार करती हैं, जो लॉन्ग टाइम आर्थिक विकास में योगदान देता है.
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