मुंबई: रणजी ट्रॉफी चैम्पियन मुंबई और शेष भारत के बीच कल से होने वाले पांच दिवसीय ईरानी कप मुकाबले में युवा खिलाड़ियों के पास चयनकर्ताओं को प्रभावित करके राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने का दावा पेश करने का अच्छा मौका होगा.



यह प्रथम श्रेणी मैच संभावित दावेदारों के पास संदीप पाटिल की अगुआई वाली पांच सदस्यीय चयन समिति को प्रभावित करने का अंतिम मौका होगा जिसके बाद ध्यान पूरी तरह से टी20 प्रारूप पर होगा क्योंकि आईसीसी विश्व टी20 चैम्पियनशिप शुरू हो रही है.



भारत को इंडियन प्रीमियर लीग के बाद अगले सीजन के अंत तक 15 से अधिक टेस्ट मैच खेलने हैं और यह मैच खिलाड़ियों को टेस्ट टीम में अपनी जगह बनाने का दावा पेश करने का मौका देगा.



पिछले हफ्ते सौराष्ट्र को हराकर 41वां रणजी खिताब जीतने वाली विकेटकीपर बल्लेबाजी आदित्य तारे की अगुआई वाली मुंबई की टीम संयोजित है.



मुंबई की टीम मध्यप्रदेश के विकेटकीपर बल्लेबाज नमन ओझा की अगुआई वाली शेष भारत की तुलना में बेहतर तरीके से तैयार नजर आती है.



शेष भारत की टीम को हालांकि हल्के में नहीं लिया जा सकता. टीम का गेंदबाजी आक्रमण मजबूत है लेकिन कोच आशीष कपूर के अनुसार बरिंदर सरन और नाथू सिंह के चोटिल होने के कारण अंकित राजपूत और अनुरीत सिंह को टीम में शामिल किया गया है.



शेष भारत के पास दूसरे विकेटकीपर के तौर पर आंध्र के केएस भरत हैं जो पारी की शुरूआत कर सकते हैं और विदर्भ के फैज फजल उनके संभावित सलामी जोड़ीदार हो सकते हैं. बल्लेबाजी कुछ कमजोर नजर आती है और मुख्य रूप से ओझा, कर्नाटक के करूण नायर और सौराष्ट्र के शेल्डन जैकसन की निर्भर रहेगी.



शेष भारत के गेंदबाजी आक्रमण की अगुआई सौराष्ट्र के बायें हाथ के तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट करेंगे जिन्होंने रणजी सत्र में 11 मैचों में 40 विकेट चटकाए. उनके साथ तेज गेंदबाजी आक्रमण असम के कृष्णा दास साझा कर सकते हैं जिन्होंने 10 मैचों में 50 विकेट चटकाए थे.



स्पिन आक्रमण भी कमजोर नजर आता है. टीम में झारखंड के बायें हाथ के स्पिनर शाहबाज नदीम और हरियाणा के ऑफ स्पिनर जयंत यादव के अलावा अक्षय वखारे भी शामिल हैं.



दूसरी तरफ मुंबई की बल्लेबाजी मजबूत है. तारे के अलावा टीम में श्रेयष अय्यर भी हैं जिन्होंने रणजी सीजन में 78 की औसत से 1321 रन बनाकर राष्ट्रीय टीम में चयन की चुनौती पेश की है.



सलामी बल्लेबाज अखिल हेरवादकर ने 879 जबकि तारे ने 569 रन बनाए हैं. तारे ने इसके अलावा विकेट के पीछे रिकॉर्ड 48 शिकार भी बनाए.



टीम के गेंदबाजी आक्रमण की अगुआई शारदुल ठाकुर करेंगे जबकि धवल कुलकर्णी और बलविंदर सिंह संधू ने भी टीम को खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी.



मुंबई ने 1997-98 के बाद से ईरानी ट्राफी नहीं जीती है और यह टीम के लिए अतिरिक्त प्रेरणा हो सकती है.