चेतन शर्मा का नाम इन दिनों तब चर्चा में आ गया जब गुरुवार को बीसीसीआई ने एक वर्चुअल कांफ्रेंस में उन्हें भारतीय टीम के मुख्य चयनकर्ता नियुक्त किया गया. यह निर्णय गुरुवार को अहमदाबाद में हुई बीसीसीआई की 89वीं वार्षिक आम सभा (सीएसी) में लिया गया है.


3 जनवरी 1966 में जन्मे चेतन शर्मा ने बतौर ऑलराउंडर भारतीय टीम के लिए 23 टेस्ट और 65 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं. वे पहले ऐसे गेंदबाज हैं, जिन्होंने एकदिवसीय विश्वकप में हैट्रिक ली थी. साथ ही, ऐसा कारनामा करने वाले भारत के लिए किसी भी फॉरमेट के लिए पहले गेंदबाज हैं.


आइए जानते हैं उनके बारे में ऐसे कई और रोचक तथ्य


चेतन शर्मा भारतीय क्रिकेटर यशपाल शर्मा के भतीजे हैं. इन दोनों की जोड़ी ने 2 एकदिवसीय मैच एकसाथ खेले हैं और दोनों ही इंग्लैंड के खिलाफ 1984-85 में खेले हैं.


चेतन शर्मा को चंडीगढ़ के मशहूर कोच देश प्रेम आजाद ने क्रिकेट के गुर सिखाए हैं. देश प्रेम आजाद से चेतन शर्मा के अलावा कपिल देव और योगराज सिंह ने भी ट्रेनिंग ली है और वे भी भारतीय टीम के शानदार खिलाड़ी रहे हैं.


चेतन शर्मा भारतीय टीम के लिए खेलने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ियों की सूची में भी शामिल हैं. उन्होंने महज 17 साल की उम्र में वेस्ट इंडीज के खिलाफ अपना पहला एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था. इसके अगले ही साल 18 वर्ष की उम्र में पहला टेस्ट मैच भी खेल लिया था.


कई शानदार रिकॉर्ड्स के बादशाह रहे चेतन 1986 में ऑस्ट्रेलिया-एशिया कप के फाइनल मैच का अंतिम ओवर फेंक रहे थे. जीत की सारी उम्मीदें उनपर टिकी हुई थीं. तभी आखिरी गेंद पर जावेद मियांदाद ने छक्का लगाकर मैच हाथ से छीन लिया. इसके लिए उन्हें जबरदस्त आलोचना का सामना करना पड़ा था. लेकिन, इसी साल इंग्लैंड में खेली गई 2 मैचों की टेस्ट सीरीज में उन्होंने शानदार 16 विकेट हासिल किए. उस दौरान उन्होंने एक पारी में 5 विकेट और एक मैच में 10 विकेट लेने का कारनामा भी अपने नाम किया.


वे विश्वकप में हैट्रिक लेने वाले दुनिया के पहले गेंदबाज हैं. उन्होंने वनडे विश्वकप 1987 में नागपुर में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गये मैच में सनसनीखेज हैट्रिक ली थी. इसमें खास बात यह थी कि उन्होंने तीनों खिलाड़ियों को बोल्ड आउट किया था.


इस शानदार तेज गेंदबाज का करियर बहुत लंबा नहीं चल सका. 1986 में शुरुआत करने वाले चेतन शर्मा को 1989 के बाद सीधे 1992 में एक वनडे मैच खेलने को मिला, फिर 1994 में भी 3 वनडे मैच खेलने को मिले. लेकिन, उसके बाद उनकी दोबारा वापसी नहीं हो पाई.


चेतन शर्मा ने अपने प्रथम श्रेणी के ज्यादातर मैच हरियाणा के लिए खेले हैं. लेकिन, वे बाद में बंगाल चले गए और 1996 में आखिरी मैच बंगाल के लिए ही खेला.



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