इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच हुए विश्व कप फाइनल में लक्ष्य का पीछा करते समय आखिरी ओवर में मेजाबन टीम को ओवरथ्रो पर छह रन मिले, लेकिन पूर्व अंतर्राष्ट्रीय अम्पायर साइमन टॉफेल का कहना है कि उस समय इंग्लैंड को छह की जगह केवल पांच रन मिलने चाहिए थे. दरअसल, जिस गेंद की बात हो रही है वो आखिरी ओवर की चौथी गेंद थी. ऑलराउंडर बेन स्टोक्स बल्लेबाजी कर रहे थे और वह शॉट मारकर दो रन के लिए भागे. दूसरा रन लेते समय मार्टिन गप्टिल ने विकेटकीपर की तरफ थ्रो किया, जो सीधा स्टोक्स के बल्ले पर लगी. गेंद उनके बल्ले पर लगकर बाउंड्री के पार चली गई और अम्पायरों ने इंग्लैंड को छह रन दिए.

'फॉक्स स्पोर्ट्स ऑस्ट्रेलिया' ने टॉफेल के हवाले से बताया, "यह एक गलती है..निर्णय लेने में गलती की गई. इंग्लैंड को छह की जगह केवल पांच रन दिए जाने चाहिए थे."

आईसीसी के नियम 19.8 के अनुसार यदि ओवर थ्रो के बाद गेंद बाउंड्री के पार जाती है, तो पेनाल्टी के रन में बल्लेबाजों द्वारा पूरे किए गए रन भी जुड़ते हैं. यदि बल्लेबाज रन के लिए लिए दौड़ रहे हैं, तब यह देखा जाता है कि फील्डर की गेंद थ्रो करने के समय दोनों बल्लेबाज क्रॉस हुए या नहीं. और इसी को देखकर कुल रन जोड़ टीम को दिए जाते हैं.

टॉफेल फिलहाल, एमसीसी की नियम उप-समिति का हिस्सा हैं जो क्रिकेट को नियंत्रित करने वाले नियमों को बनाती है.

उन्होंने कहा, "उस माहौल में अम्पायरों ने सोचा कि बल्लेबाज थ्रो के समय क्रॉस कर गए हैं. जाहिर तौर पर टीवी रिप्ले में कुछ और दिखा. यहां दिक्कत यह है कि अम्पायरों को सबसे पहले बल्लेबाजों को रन पूरा करते हुए देखना होता है और फिर उन्हें अपना ध्यान फील्डर पर केंद्रित करना होता है जो गेंद को उठाकर रिलीज करने वाला होता है. आपको देखना होता है कि उस क्षण बल्लेबाज कहा है."

टॉफेल ने कहा, "यह कहना सही नहीं होगा कि उस एक घटना की वजह से मैच का निर्णय निकला."