इस नियम को लाने की बात ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज फिलिप ह्यूज के सिर पर गेंद लगने से हुई मौत के बाद से चल रही थी. ह्यूज को 2014 में लिस्ट-ए मैच में बाउंसर लग गई थी जिसके कुछ दिनों बाद उनका निधन हो गया था. इस घटना के बाद क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने घरेलू सर्किट में पुरुष और महिला टूर्नामेंट्स में इस नियम को लागू किया था. यह नियम हालांकि ऑस्ट्रेलिया के शेफील्ड शील्ड में लागू नहीं हुआ था. अक्टूबर-2017 में आईसीसी ने घरेलू क्रिकेट में इस नियम को लेकर दो दिन की ट्रायल की थी.
सीए के बाद हालिया दौर में इस नियम को लाने के लिए कई आवाजें उठी थीं. सीए ने नियम बनाया था कि अगर डॉक्यर ने कहा है तो खिलाड़ी मैदान छोड़ सकता है या अगर खिलाड़ी आघात की स्थिति में है तो भी वह मैदान से जा सकता है.