सुप्रीम कोर्ट भारतीय क्रिकेट बोर्ड से जुड़े मुद्दों को उठाने वाली याचिकाओं पर दो सप्ताह बाद सुनवाई करेगा. इसके साथ ही बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह का कार्यकाल बढ़ाने से जुड़ी याचिका पर भी सुनवाई दो हफ्ते बाद ही होगी. याचिका पर सुनवाई टल जाने की वजह से सौरव गांगुली और जय शाह को दो और हफ्ते के लिए पद पर बने रहने का मौका मिल गया है.


बीसीसीआई के नए सविधान के मुताबिक सौरव गांगुली का बीसीसीआई अध्यक्ष के तौर पर कार्यकाल इस महीने के अंत में खत्म हो रहा है. वहीं सचिव जय शाह का कार्यकाल पहले ही खत्म हो चुका है. इन दोनों का कार्यकाल बढ़ाने से जुड़ी याचिका कोषाध्यक्ष अरुण धूमल की तरफ से डाली गई है.


पीठ ने कहा कि बीसीसीआई से जुड़ी हुई सभी याचिकाओं पर दो हफ्ते के बाद सुनवाई होगी. कैग ने हाल में अदालत का दरवाजा खटखटाते हुए 2016 के आदेश में संशोधन की मांग की थी. कैग बीसीसीआई और राज्य क्रिकेट संघों का वार्षिक या द्विवार्षिक वित्तीय, अनुपालन और प्रदर्शन ऑडिट करने की अनुमति चाहता है.


कैग ने अपनी याचिका 18 जुलाई 2016 के आदेश में संशोधन की मांग की थी, जिसके जरिए उच्चतम न्यायालय ने न्यायमूर्ति आरएम लोढा समिति की सिफारिशों को स्वीकार किया था. इसमें बीसीसीआई की शीर्ष परिषद और इंडियन प्रीमियर लीग की संचालन परिषद में कैग के एक नामित को शामिल करना शामिल है.


कैग ने कहा कि 35 राज्यों संघों में से केवल 18 ने अब तक नामांकन का आग्रह किया है जबकि 17 अन्य ने अभी नामांकित अधिकारियों से संपर्क नहीं किया है. सुप्रीम कोर्ट ने 18 जुलाई 2016 के अपने आदेश में कैग के नामित को बीसीसीआई सदस्य के रूप में शामिल करने की न्यायमूर्ति लोढा समिति की सिफारिश से सहमत होते हुए कहा था कि इससे क्रिकेट की राष्ट्रीय संचालन संस्था के मामलों में पारदर्शिता और वित्तीय बेहतरी आएगी.


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