Afghanistan Women Rights: अफगानिस्तान ने टी20 वर्ल्ड कप 2024 के सेमीफाइनल में पहुंच कर भविष्य के लिए नए मानक तय किए हैं. राशिद खान की कप्तानी में अफगान टीम ने सफलता के नए आयाम छू लिए हैं. मगर ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड ने अफगानिस्तान के साथ कोई द्विपक्षीय सीरीज खेलने से स्पष्ट इनकार कर दिया है. इसका कारण तालिबान राज में महिलाओं के अधिकारों के साथ खिलवाड़ को बताया जा रहा है. क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के मुख्य कार्यकारी अफसर निक हॉक्ली (Nick Hockley) ने बताया है कि वे कई बार अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (ACB) के सामने महिला सशक्तिकरण के संबंध में आवाज उठा चुके हैं.


जटिल बनी हुई है स्थिति


ऑस्ट्रेलिया का क्रिकेट बोर्ड एक नहीं, दो नहीं बल्कि तीन बार अफगानिस्तान के खिलाफ द्विपक्षीय सीरीज को कैंसिल कर चुका है. बोर्ड की तरफ से बयान दिया गया है कि जब तक देश में महिलाओं को दबाकर रखा जाएगा तब तक सीरीज संभव नहीं है. हालांकि ICC टूर्नामेंट्स में दोनों टीम आमने-सामने आती रही हैं. हाल ही में टी20 वर्ल्ड कप 2024 के सुपर-8 स्टेज में अफगान टीम ने ऑस्ट्रेलिया को हरा दिया था. दूसरी ओर उस्मान ख्वाजा ने विवादित बयान देते हुए कहा था कि ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड इस मामले में थोड़ा पाखंड दिखा रही है. इसके अलावा अफगानिस्तान के पुरुष टीम के कप्तान राशिद खान कह चुके हैं कि अगर चीजें उनके हाथों में होती तो कुछ जरूर करते.


20 महिला क्रिकेटरों का रुख


अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने 2020 में तालिबान का राज शुरू होने से पहले 20 महिला क्रिकेटरों को कॉन्ट्रैक्ट दिया था. उन सभी खिलाड़ियों ने बीते सोमवार ICC को चिट्ठी लिखी है कि वो रेफ्यूजी टीम बनाना चाहते हैं जिसे ऑस्ट्रेलिया से संचालित किया जाए. यह टीम चाहती है कि उसे अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (ACB) के अंडर ना गिना जाए और ना ही टीम को अफगानिस्तान का नाम दिया जाए.


ऑस्ट्रेलिया बोर्ड का स्टेटमेंट


निक हॉक्ली ने कहा, "हम जानते हैं कि ऑस्ट्रेलिया में रह रहीं अफगानिस्तान की महिला क्रिकेटरों ने ICC को चिट्ठी लिखी है. इस मुद्दे पर ICC को जरूर कोई फैसला लेना चाहिए. जुलाई में हमारी मीटिंग होने वाली है और उम्मीद है कि इस मुद्दे पर भी विचार किया जाएगा. ऑस्ट्रेलिया में रह रहीं अफगानी महिला क्रिकेटरों को भरपूर सपोर्ट मिल रहा है."


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