सिडनी: क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) ने अपने खिलाड़ियों से वेतन और नए करार संबंधी विवाद के बीच एक और कड़ा फैसला लिया है. सीए ने खिलाड़ियों को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर खिलाड़ी बिना बोर्ड की मंजूरी के किसी टूर्नामेंट में खेलते हैं, तो वह उन पर छह महीने का बैन लगा देगी. सीए ने सभी राज्य, ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर्स ऐसोसिएशन (एसीए) को एक पत्र लिखकर इस बात से अवगत कराया है.



ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों और सीए के बीच नए करार को लेकर बीते कुछ समय से विवाद चल रहा है. खिलाड़ियों का सीए के साथ मौजूदा करार 30 जून को खत्म हो रहा है. सीए ने खिलाड़ियों को नए करार के तहत वेतन का जो प्रस्ताव दिया है, उससे खिलाड़ी खुश नहीं हैं. खिलाड़ियों की मांग है कि सीए उन्हें अपनी कमाई का भी हिस्सा दे, जबकि सीए ने खिलाड़ियों की इस मांग को यह कहते हुए ठुकरा दिया है कि ऐसा करने से उसके पास जमीनी स्तर पर खेल के विकास के लिए धनराशि नहीं बचेगी.



विवाद के चलते टीम के उप-कप्तान डेविड वॉर्नर ने कहा था कि अगर सीए खिलाड़ियों की मांग नहीं मानता है तो इसी साल होने वाली प्रतिष्ठित एशेज सीरीज के लिए उसके पास टीम नहीं बचेगी.



वेबसाइट क्रिकइंफो के मुताबिक, सीए के टीम परफॉर्मेंस मैनेजर पैट हावर्ड ने करार खत्म होने के बाद अनुंबध में शामिल और गैर शामिल खिलाड़ियों को चेतावनी दी है. हालांकि इसमें महिला टीम शामिल नहीं है जो इस समय इंग्लैंड में विश्व कप खेल रही है.



हवार्ड ने अपने मेल में लिखा है कि अगर खिलाड़ी राष्ट्रीय बोर्ड के बैनर तले टूर्नामेंट के अलावा किसी और टूर्नामेंट में हिस्सा लेते हैं तो सीए उन पर कम से कम छह महीनों का प्रतिबंध लगा सकता है. साथ ही यह सीए पर निर्भर करेगा कि वह किसी और देश के टी-20 टूर्नामेंट में खेलने के लिए खिलाड़ी को अनापत्ति प्रमाण पत्र दे या नहीं.



सीए ने चेतावनी देते हुए लिखा है, "खिलाड़ी (अनुंबध से बाहर के खिलाड़ियों को मिलाकर) सीए की अनुमति के बिना आईसीसी से गैर मान्यता प्राप्त टूर्नामेंट में नहीं खेल सकते (उदाहरण के तौर पर दूसरे देशों के बोर्ड द्वारा आयोजित किए जाने वाले टी-20 लीग). जो खिलाड़ी गैर मान्याता प्राप्त मैचों (प्रदर्शनी मैच) में हिस्सा लेते हैं तो उन्हें आईसीसी से मान्यता प्राप्त मैचों में हिस्सा लेने से कम से कम छह महीनों के लिए प्रतिबंधित कर दिया जाएगा."



सीए का रुख वॉर्नर और कई अन्य खिलाड़ियों के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर बोर्ड के साथ विवाद नहीं सुलझा तो उनके दूसरे देशों की लीग में जा कर खेलने का विकल्प है.



सीए के रुख में बदलाव न देखते हुए वॉर्नर ने कहा था कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी बेरोजगार नहीं होंगे क्योंकि उनकी टीम के खिलाड़ियों को दूसरे देशों की लीग में खेलने के कई मौके मिलेंगे, जिससे उन्हें पैसे की कमी भी नहीं आएगी.