Weight Of Cricket Bat: क्रिकेट के खेल में पिछले एक दशक में काफी कुछ बदलाव देखने को मिला है. बल्लेबाजी करना अब पहले से कहीं ज्यादा आसान होते हुए दिखाई दी जहां 300 से अधिक का स्कोर भी अब टीमें आसानी से हासिल करते हुए दिखाई देती हैं. इसका एक बड़ा कारण बल्लेबाजों का बड़ी ही आसानी के साथ गेंदे को मैदान पर किसी भी कोने में पहुंचा देना है जिसमें अब उनके बैट पहले से कहीं अधिक बेहतर बताए जाते हैं.


पहले के मुकाबले आज के समय के बैट काफी बेहतर दिखाई देते हैं, जिसकी सबसे बड़ी वजह उनका सही वजन और बेहतर तकनीक का उपलब्ध होना. महान पूर्व बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने भी एक अपने एक बयान में कहा था कि किसी भी बल्लेबाज के लिए सही बैट का चयन करना बेहद महत्वपूर्ण कार्य होता ताकि वह आसानी से बड़े शॉट खेलने में कामयाब हो सके.


ऐसे हम सभी ने देखा है कि कई खिलाड़ियों को हल्के जब कुछ को मोटे और भारी बल्ले पसंद आते थे, जिनसे वह खेलने में काफी सहज महसूस करते थे. इससे साफ पता चलता है कि बल्ला भारी होने से कोई बल्लेबाज लंबे छक्के नहीं मार सकता है बल्कि उसे अपने अनुसार सही वजन के बल्ले का चुनना होता है जो उसके लिए मैदान पर खेलते समय सही हो.


सचिन और धोनी को भारी बल्ला जबकि गांगुली और हेडन को हल्के बल्ले से खेलना था पसंद


भारतीय टीम के 2 महान पूर्व कप्तान सौरव गांगुली और महेंद्र सिंह धोनी दोनों को ही लंबे-लंबे छक्के आसानी के साथ मारने के लिए भी पहचाने जाते हैं. इन दोनों के बैट के वजन में काफी अंतर देखने को मिलता है जिसमें गांगुली को हल्के बैट से खेलना पसंद था तो वहीं धोनी को भारी बैट जिसमें उसका वजन लगभग 1.27 किलोग्राम के आसपास देखने को मिलता है.


ऑस्ट्रेलियाई टीम के पूर्व खिलाड़ी मैथ्यू हेडन की गिनती वर्ल्ड क्रिकेट के विस्फोटक खिलाड़ियों में की जाती है. हेडन काफी आसानी से गेंद को मैदान के बाहर पहुंचाते हुए दिखाई देते थे, लेकिन वह हमेशा हल्के बैट से खेलना पसंद करते थे. इसके अलावा सचिन तेंदुलकर के बैट के वजन को लेकर हमेशा चर्चा देखने को मिली है और उन्हें भारी बैट से खेलना पसंद था जिसका वजन 1.47 किलोग्राम के आसपास था.


 


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