Cricket for Olympics: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउन्सिल (आईसीसी) 2028 के लॉस एंजिल्स ओलंपिक खेलों में क्रिकेट को शामिल करने की दावेदारी पेश करेगा. आईसीसी ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया है की लॉस एंजिल्स में क्रिकेट को ओलंपिक का हिस्सा बनाने की दावेदारी पेश करने के लिए एक कमिटी का गठन किया गया है. अब अगर आईसीसी अपनी इस दावेदारी में कामयाब हो जाता है तो ओलंपिक खेलों में एक सदी के लंबे इंतजार के बाद क्रिकेट का इवेंट खेला जाएगा.  

 


 

आईसीसी के चेयरमैन ग्रेग बर्कले ने मंगलवार को एक प्रेस रिलीज जारी करते हुए कहा, "क्रिकेट का खेल ओलंपिक की दावेदारी पेश करने के लिए एकजुट है. हम ओलंपिक को क्रिकेट के भविष्य के हिस्से के तौर पर देखते हैं. दुनिया भर में मौजूद क्रिकेट के अरबों फैंस इस खेल को ओलंपिक में शामिल होते देखना चाहते हैं." साथ ही उन्होंने कहा, "क्रिकेट का फ़ैन बेस बहुत ही मजबूत और जुनून से भरा हुआ है. खासकर कि दक्षिण एशिया में जहां इसके 92 प्रतिशत से ज्यादा फैंस मौजूद हैं. साथ ही अमेरिका में भी क्रिकेट के दस करोड़ से ज्यादा फैंस मौजूद हैं. इन फैंस के लिए अपने पसंदीदा क्रिकेटरों को ओलंपिक में खेलते देखने का ये अनुभव बेहद खास होगा."

 

ईसीबी के चेयरमैन इयान वाट्मोर करेंगे कमिटी की अगुवाई 

 

इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड के चेयरमैन इयान वाट्मोर इस आईसीसी कमिटी की अगुवाई करेंगे. उनके साथ इस कमिटी में आईसीसी की इंडिपेंडेंट डायरेक्टर इंदिरा नूई, ज़िम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड के चेयरमैन तवेंग्वा मुकुहलानी, आईसीसी के एसोसीएट मेंबर डायरेक्टर और एशियन क्रिकेट काउन्सिल के वाइस-प्रेसीडेंट महिंदा वल्लीपुरम और यूएसए क्रिकेट बोर्ड के चेयरमैन पराग मराठे शामिल हैं. कमिटी के सभी सदस्यों का मानना है कि ओलंपिक में क्रिकेट की दावेदारी पेश करने के लिए ये सबसे सही समय है. 

 

1900 के पेरिस ओलंपिक में शामिल था क्रिकेट का इवेंट 

 

बता दें कि इस से पहले साल 1900 के पेरिस ओलंपिक खेलों में क्रिकेट को शामिल किया गया था. शुरुआत में बेल्जियम, फ्रांस, ब्रिटेन और नीदरलैंड की टीमों ने क्रिकेट के इवेंट में टीम भेजने पर हामी भरी थी. हालांकि बाद में बेल्जियम और नीदरलैंड ने इस स्पर्धा से अपना नाम वापिस ले लिया, जिसके बाद ब्रिटेन और फ्रांस के बीच दो दिन का केवल एक मैच खेला गया था. 

 

ब्रिटेन की टीम ने इस मैच की अपनी पहली पारी में 117 रनों का स्कोर खड़ा किया, जिसके जवाब में फ्रांस की पहली पारी महज 78 रनों पर सिमट गई. इसके बाद ब्रिटेन ने अपनी दूसरी पारी में 145 बनाए और फ्रांस को ये मैच जीतने के लिए 185 रनों का टारगेट दिया. लेकिन फ्रांस की टीम अपनी दूसरी पारी में केवल 26 रनों पर ऑल आउट हो गई और ब्रिटेन ने ये मुकाबला 158 रनों से अपने नाम कर लिया. अंतरराष्‍ट्रीय ओलंपिक कमेटी (IOC) ने साल 1912 में इस मैच को आधिकारिक तौर पर मान्यता दी और विजेता ब्रिटेन को गोल्‍ड और फ्रांस को सिल्वर मेडल प्रदान किया. 

 

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