Cricket World Cup: टी20 वर्ल्ड कप 2024 के फाइनल में सूर्यकुमार यादव के कैच ने काफी विवाद खड़ा किया. मगर वर्ल्ड कप के मैचों में इससे पहले भी विवादित घटनाएं होती रही हैं. यहां हम 1992 वनडे वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल मुकाबले के बारे में बताएंगे. उस सेमीफाइनल मुकाबले में इंग्लैंड ने दक्षिण अफ्रीका को 19 रन से हराकर फाइनल में जगह बनाई थी. मगर मैच के आखिरी ओवरों में 'रेन-रूल' बनाया गया, जिसके कारण अफ्रीकी टीम जीता हुआ मैच हार गई थी.


दरअसल उस सेमीफाइनल मैच में बारिश ने कई बार दखल दिया, जिसके कारण इंग्लैंड की पारी में ओवरों की संख्या को घटा कर 45 कर दिया गया. निर्धारित 45 ओवरों में इंग्लिश टीम 252 रन बनाए थे. जवाब में लक्ष्य का पीछा करने आई दक्षिण अफ्रीकी टीम धीरे-धीरे लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रही थी. इस बीच जोंटी रोड्स ने 38 गेंद में 43 रन बनाकर अफ्रीका को जीत के करीब ला खड़ा किया था.


बारिश के कारण मचा बवाल


आखिरी 5 ओवर में दक्षिण अफ्रीका को जीत के लिए 47 रन चाहिए थे तभी बारिश आ गई. जब डकवर्थ लुईस नियम नहीं था तब एक पुरानी पद्धति का इस्तेमाल किया जाता था. पहले खेलने वाली टीम का रन-रेट देखा जाता था और बारिश आने से पहले चेज़ करने वाली टीम जितने ओवर खेल चुकी होती थी. उस आधार पर चेज़ करने वाली टीम के लिए रन घटा दिए जाते थे, लेकिन इससे पहले बैटिंग करने वाली टीम को बहुत नुकसान होता था. ऐसे में दक्षिण अफ्रीका को जहां 5 ओवर में 47 रन चाहिए थे, बारिश रुकने के बाद उसे 13 गेंद में 22 रन बनाने थे. मगर तभी बारिश तेज हो जाती है।


सामने आया एक बकवास नियम


बारिश तेज होती जा रही थी, ऐसे में अंपायरों ने खूब सोच विचार किया. 'रेन रूल' नाम से एक नियम सामने आया, जिसकी खूब आलोचना की गई. नियम यह था कि पहले गेंदबाजी करने वाली टीम ने जितने भी ओवरों में सबसे कम रन दिए हों, उन्हें काट दिया जाएगा. अफ्रीकी गेंदबाज नहीं जानते थे कि उन्हें 2 शानदार मेडन ओवर फेंकने का भी भुगतान करना पड़ेगा. चूंकि अफ्रीका को 13 गेंद में 22 रन चाहिए थे, इसलिए जब बारिश रुकी तो मेडन ओवरों की गेंदों को काट दिया गया. इस कारण बिना कोई गेंद खेले ही अब दक्षिण अफ्रीका को 1 गेंद में 22 रन बनाने थे, जो नामुकिन था.


यह भी पढ़ें:


ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट बोर्ड ने उठाई आवाज, महिला सशक्तिकरण को लेकर तालिबान पर साधा निशाना; जानें पूरा मामला