Sachin Tendulkar and Shahid Afridi: पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज आलराउंडर शाहिद अफरीदी को उनके तूफानी बल्लेबाजी के लिए क्रिकेट जगत में जाना जाता है. उन्होंने कई दफा अपनी बल्लेबाजी से गेंदबाजों की नींद उड़ाई है. ऐसे में आज हम आपको शाहिद अफरीदी के उस पारी के बारे में बताएंगे जिसने वनडे क्रिकेट के खेलने का नजरिया ही बदल दिया. शाहिद ने अपने दूसरे ही मैच में श्रीलंका के खिलाफ 1996 में इतिहास रचते हुए वनडे का सबसे तेज शतक लगाया उनका यह शतक सिर्फ 37 गेंदों में आया. शाहिद के लिए रिकॉर्ड तोड़ पारी इसलिए भी खास रही क्योंकि इस मैच में जिल बैट से उन्होंने बल्लेबाजी की थी वह क्रिकेट के भगवान माने जाने वाले भारत के दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर की थी.
सचिन ने वकार को दिया था बल्ला
1996 में श्रीलंका के खिलाफ शाहिद अफरीदी ने जिस बल्ले से 40 गेंदो में 104 रनों की तूफानी पारी खेली थी. वो बल्ला सचिन तेंदुलकर ने पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज तेज गेंदबाज वकार यूनुस को गिफ्ट में दिया था. वहीं श्रीलंका के खिलाफ मैच में वकार ने वह बैट अफरीदी को बैटिंग के लिए दिया था. अफरीदी के करियर के लिए वह बल्ला गोल्डेन बैट बन गया. उन्होंने सचिन के इस बैट से उस समय वनडे क्रिकेट का सबसे तेज शतक जड़ दिया. अफरीदी को इस मैच के बाद से ही गेंदबाज के अलावा वर्ल्ड क्रिकेट में एक पावर हिटर के रूप में जाने जाना लगा.
18 साल बाद टूटा अफरीदी का रिकॉर्ड
शाहिद अफरीदी का वनडे में सबसे तेज शतक लगाने का रिकॉर्ड उनके साथ पूरे 18 साल तक कायम रहा. इस रिकॉर्ड को साल 2014 में न्यूजीलैंड के बल्लेबाज कोरी एंडरसन ने तोड़ा था. उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ 36 गेंद में शतकीय पारी खेली थी. वहीं कोरी का भी यह रिकॉर्ड ज्यादा दिनों तक कायम नहीं रह सका और 2015 में विस्फोटक दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज एबी डीविलियर्स ने यह रिकॉर्ड तोड़ते हुए 31 गेंद में शतक लगा दिया. डीविलियर्स का यह रिकॉर्ड आज तक कोई भी बल्लेबाज नहीं तोड़ पाया है.
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