आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप में एशियन टीमों ने भी अलग-अलग वक्त में अपना जलवा बिखेरा है. सबसे ज्यादा 5 बार ये खिताब जीतने का रिकॉर्ड अभी भी ऑस्ट्रेलिया के नाम है, लेकिन अकेले एशिया से 3 अलग-अलग देशों ने ये खिताब जीता है. ऐसे में अगर एशिया की वर्ल्ड कप विजेता खिलाड़ियों की एक प्लेइंग इलेवन बने तो उसमें किन खिलाड़ियों को जगह मिलेगी?

ईएसपीएन-क्रिकइंफो ने एक ऐसी ही प्लेइंग इलेवन बनाई है, जिसमें वर्ल्ड कप जीतने वाली भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका के खिलाड़ियों को शामिल किया है. भारत ने 1983 और 2011 में वर्ल्ड चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया था, जबकि पाकिस्तान ने 1992 और श्रीलंका ने 1996 में खिताब जीता था.

सचिन, धोनी, युवराज को जगह

ईएसपीएन-क्रिकइंफो की इस टीम में भारत के 5 वर्ल्ड चैंपियन खिलाड़ियों को शामिल किया गया है. हालांकि पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बनने वाली भारतीय टीम से सिर्फ तत्कालीन कप्तान कपिल देव को इसमें जगह मिली है.

कपिल ने न सिर्फ अपनी कप्तानी में एक कमजोर टीम को चैंपियन बनाया बल्कि खुद भी 175 रन की शानदार पारी खेली थी.

वहीं 2011 में दूसरी बार वर्ल्ड चैंपियन बनने वाली भारतीय टीम में से मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर, कप्तान महेंद्र सिंह धोनी, युवराज सिंह और जहीर खान को जगह मिली है.

वहीं 2011 वर्ल्ड कप में सचिन ने भारत के लिए सबसे ज्यादा 482 रन बनाए थे. वहीं ‘कैप्टन कूल’ धोनी ने फाइनल में 92 रन की मैच जिताऊ पारी खेली थी.

दूसरी तरफ युवराज सिंह उस वर्ल्ड कप के मैन ऑफ द टूर्नामेंट रहे थे, जबकि जहीर खान ने भारत के लिए सबसे ज्यादा 21 विकेट हासिल किए थे.

कपिल, इमरान नहीं, रणतुंगा कप्तान

वहीं 1992 की वर्ल्ड कप विजेता पाकिस्तानी टीम से इस ‘ड्रीम टीम’ में तेज गेंदबाज वसीम अकरम, दिग्गज बल्लेबाज जावेद मियांदाद और मुश्ताक अहमद को जगह मिली है.



वहीं 1996 की अंडरडॉग टीम रही श्रीलंका को चैंपियन बनाने वाले कप्तान अर्जुन रणतुंगा, ओपनर सनथ जयसूर्या और अरविंदा डिसिल्वा को जगह मिली है.

हालांकि कप्तानी की जिम्मेदारी इस टीम के लिए कपिल या इमरान को नहीं बल्कि श्रीलंका के कप्तान रहे रणतुंगा को टीम का कप्तान चुना गया.

श्रीलंका ने वर्ल्ड कप फाइनल में 1987 की वर्ल्ड कप विजेता ऑस्ट्रेलिया को हराकर खिताब अपने नाम किया था.

एशिया इलेवन- सनथ जयसूर्या, सचिन तेंदुलकर, जावेद मियांदाद, अरविंदा डि सिल्वा, अर्जुना रणतुंगा (कप्तान), युवराज सिंह, एमएस धोनी (विकेटकीपर), कपिल देव, वसीम अकरम, जहीर खान और मुश्ताक अहमद.