Racism In Australian Cricket: क्रिकेटरों और प्रशंसकों को खेल के जूनून और प्यार के चलते जितना ऑस्ट्रेलिया का दौरा करने में मजा आता है. उतना ही ऑस्ट्रेलिया में फैले नस्लवाद ने क्रिेकेट की छवि को बार-बार नुकसान पहुंचाया है. हाल में भारतीय क्रिकेट लेखक भारत सुंदरेसन और ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेटर उस्मान ख्वाजा ने ऑस्ट्रेलिया में फैले नस्लवाद के मुद्दे के उठाया है. इन दोनों ने आरोप लगाया कि अधिकारियों के सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट में नस्लवाद के बहुत अधिक मामले सामने आए हैं. .


सुंदरेसन ने किया जिक्र


भारतीय क्रिकेट लेखक सुंदरेसन ने ऑस्ट्रेलिया के एक प्रमुख अखबार के लिए एक लेख लिखते समय विशेष रूप से प्रमुख खेल मैदानों पर अपने अनुभव को साझा किया. उन्होंने इस दौरान बताया कि कैसे सुरक्षा गार्ड उन पर चिल्लाए. इन गॉर्ड्स ने त्वचा के रंग के कारण उन्हें घास के किनारे नहीं बैठने दिया. हालांकि सुंदरेसन के एक्रिडिएशन कार्ड ने उस वक्त उनका बचाव किया. घटना का जिक्र करते हुए भारत ने लिखा, ऐसे घटनाएं सिर्फ एक जगह तक सीमित नहीं थीं. बल्कि वह हर जगह गए. उन्होंने पहले ब्रिस्बेन में और फिर मेलबर्न में नस्लवाद का सामना किया. इस मामले से भागने के बजाए उन्होंने इस अपने हाथ में लिया और क्रिसमस की पूर्व संध्या पर ट्वीट के जरिए इस मुद्दे को उठाया.  


सुंदरेसन ने घटना के प्रति मुखर होते हुए लिखा, वह पांच साल से ऑस्ट्रेलिया के क्रिेकेट दौरे पर हैं और सुरक्षा गार्ड्स को उनकी साख पर सवाल उठाना बंद कर देना चाहिए. उन पर भरोसा किया जा सकता है या नहीं. ऑस्ट्रेलिया में इन कटु अनुभवों के बाद भारत सुंदरेसन ने घोषणा की है कि वह कहीं नहीं जा रहे हैं. वह यहां रहने के लिए हैं.



उस्मान ख्वाजा ने बताई आप बीती


उधर ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेटर उस्मान ख्वाजा ने सुंदरेसन के ट्वीट को जवाब दिया. उन्होंने रिट्वीट कर लिखा, वह कैसे पूर्व में ऑस्ट्रेलिया में नस्लवाद का शिकार हुए हुए हैं.. एशियाई देश पाकिस्तान से ताल्लुक रखने वाले इस कंगारू बल्लेबाज ने कहा, पिछले साल होटल में उन्हें सुरक्षाकर्मियों ने तीन बार रोका और पूछा क्या वह ऑस्ट्रेलियाई टीम के साथ हैं? इसकी वजह यह है कि वह ऑस्ट्रेलियाई मूल के क्रिकेटर नहीं लगते. 



जून 2021 में उस्मान ख्वाजा ने कहा था, जब मैं ऑस्ट्रेलिया में छोटा था तो मुझे बताया गया कि मैं ऑस्ट्रेलिया के लिए कभी नहीं खेलूंगा क्यों मेरी त्वचा के रंग में बहुत फर्क था. मुझे बताया जाएगा कि मैं टीम में फिट नहीं हूं, वे मुझे नहीं चुनेंगे. यहां पर यह मानसिकता थी लेकिन अब इसमें बदलाव आया है. उस्मान ख्वाजा साल 2011 में ऑस्ट्रेलिया की तरफ खेलने वाले पहले मुस्लिम क्रिकेटर बने थे. ख्वाजा का ताल्लुक पाकिस्तान के इस्लामाबाद से है. 


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