हार्दिक पांड्या-केएल राहुल को सस्पेंड किया जाना तय, टीम इंडिया की मुश्किलें बढ़ी
प्रशासकों की समिति (सीओए) की सदस्य डायना इडुल्जी ने हार्दिक पंड्या और लोकेश राहुल के खिलाफ शुक्रवार को ‘आगे की कार्रवाई तक सस्पेंड’ की सिफारिश की है
कॉफी विद करन कार्यक्रम में महिलाओं को लेकर विवादास्पद टिप्पणी हार्दिक पांड्या और केएल राहुल को भारी पड़ी है. सीओए मेम्बर डायना इडुल्जी के बयान के बाद अब इन खिलाड़ियों पर गाज़ गिरना लगभग तय नज़र आ रही है.
हालांकि इस खबर से टीम इंडिया की मुश्किलें बढ़ गई हैं क्योंकि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज़ का पहले मुकाबला शुरु होने में 24 घंटे से भी कम समय बचा है लेकिन कप्तान विराट और कोच रवि शास्त्री को अब भी प्लेइंग इलेवन चुनने में समस्या हो रही है, क्योंकि भारत के पास मौजूद खिलाड़ियों में से इन दोनों खिलाड़ियों को लेकर अंतिम फैसला लेना अभी बाकी है.
प्रशासकों की समिति (सीओए) की सदस्य डायना इडुल्जी ने हार्दिक पंड्या और लोकेश राहुल के खिलाफ शुक्रवार को ‘आगे की कार्रवाई तक सस्पेंड’ की सिफारिश की है क्योंकि बीसीसीआई की विधि टीम ने महिलाओं पर इनकी विवादास्पद टिप्पणी को आचार संहिता का उल्लंघन घोषित करने से इनकार कर दिया है.
इडुल्जी ने शुरुआत में इन दोनों को दो मैचों के लिए निलंबित करने का सुझाव दिया था लेकिन बाद में इस मामले को विधि विभाग के पास भेज दिया जबकि सीओए प्रमुख विनोद राय उनसे सहमत हो गए थे और सस्पेंड की सिफारिश कर दी थी.
कानूनी टीम से राय लेने के बाद इडुल्जी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, ‘‘यह जरूरी है कि दुर्व्यवहार पर कार्रवाई का फैसला लिए जाने तक दोनों खिलाड़ियों को निलंबित रखा जाए जैसा कि (बीसीसीआई) सीईओ (राहुल जौहरी) के मामले में किया गया था जब यौन उत्पीड़न के मामले में उन्हें छुट्टी पर भेजा गया था.’’
COA member Diana Edulji: It will be imperative that the players(Hardik Pandya and KL Rahul) be put under suspension till a further course of action is decided for this misconduct as was done in the case of CEO when he was sent on leave in the sexual harassment matter. pic.twitter.com/OM03YjMbHO
— ANI (@ANI) January 11, 2019
बोर्ड की विधि कंपनी सिरिल अमरचंद मंगलदास की सिफारिशों के जवाब में इडुल्जी ने लिखा, ‘‘कानूनी राय के आधार पर और इस मुद्दे से निपटने के लिए अंतिम प्रक्रिया तय होने तक, सिफारिश की जाती है कि संभावित खिलाड़ियों और टीम को तुरंत यह सूचना भेजी जाए.’’
विधि फर्म ने स्पष्ट किया है कि पंड्या की अनुचित टिप्पणियां आचार संहिता के दायरे में नहीं आती.
विधिक राय की प्रति पीटीआई के पास है जिसके अनुसार, ‘‘हमारा मानना है कि मौजूदा मामला आचार संहिता के उल्लंघन के दायरे में नहीं आता और मौजूदा हालात में आचार संहिता की प्रक्रिया को लागू नहीं किया जा सकता.’’
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इडुल्जी के नजरिये का समर्थन करते हुए कहा कि जांच लंबित रहने तक सस्पेंड होना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘‘यह आचार संहिता का मामला नहीं बल्कि संस्थान की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना है. जैसे कि आईसीसी ने गेंद से छेड़छाड़ के आरोपों में अपनी आचार संहिता के तहत स्टीव स्मिथ पर अधिकतम एक मैच का प्रतिबंध लगाया था.’’
अधिकारी ने कहा, ‘‘लेकिन खेल की प्रतिष्ठ को नुकसान पहुंचाने के लिए क्रिकेट आस्ट्रेलिया ने उन्हें एक साल के लिए प्रतिबंधित किया. जब आप उनकी मूर्खतापूर्ण टिप्पणी को देखते हैं तो बड़ी तस्वीर देखिए.’’