दानिश कनेरिया की पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर के साथ हुई नोंकझोंक, देश और धर्म तक पहुंची बात
दानिश कनेरिया दावा करते रहे हैं कि हिंदू होने की वजह से उन्हें पाकिस्तानी टीम में भेदभाव का सामना करना पड़ा.
कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया थमी हुई है. लेकिन ऐसे वक्त में पाकिस्तान के दो पूर्व क्रिकेटर्स दानिश कनेरिया और फैसल इकबाल के बीच ट्विटर पर नोंकझोंक देखने को मिली. इतना ही नहीं कनेरिया और इकबाल की इस नोंकझोंक में बात धर्म, मैच फिक्सिंग और देश के प्रति समर्पण तक जा पहुंची.
बात एक वीडियो से शुरू हुई. इसमें पाकिस्तान के अपने समय के कामयाब स्पिनर कनेरिया की गेंद पर वेस्टइंडीज के महान बल्लेबाज ब्रायन लारा को एक के बाद एक छक्के मारते दिखाया गया है. मैच के दौरान कनेरिया ने लारा को स्लेज किया और फिर लारा उनकी गेंदों पर बरस पड़े थे.
इस वीडियो पर पाकिस्तान के पूर्व बल्लेबाज फैसल इकबाल ने लिखा, "मैं खुद इस मैच में बारहवां खिलाड़ी था. दानिश कनेरिया के व्यंग्य के जवाब में किंग लारा के छक्के देखने को मिले. बाद में लेग स्पिनर (कनेरिया) खुद डरे-सहमे नजर आए." हाल ही में कनेरिया ने खुद को लारा को परेशान करने वाला गेंदबाज बताया था.
कनेरिया को इकबाल की बात पसंद नहीं आई. उन्होंने जवाबी ट्वीट किया, "ब्रायन लारा अच्छे क्रिकेटर थे लेकिन मैंने उन्हें पांच बार आउट भी किया था. फैसल इकबाल अपने करियर के आंकड़ों पर नजर डालें. साथ ही बताएं कि मैंने पाकिस्तान को कितने मैच जितवाए हैं."
लेकिन, इकबाल अपने आंकड़े पर ध्यान देने के बजाए नाराज होकर बरस पड़े और विवादित मुद्दों पर उतर आए. उन्होंने ट्वीट किया, "मेरे करियर के आंकड़े एक झूठे और फिक्सर से बेहतर हैं. किसने सालों तक धन की खातिर अपनी आत्मा बेची और जो सहानुभूति हासिल करने के लिए धर्म के कार्ड का इस्तेमाल कर रहा है. मैंने देश का झंडा सीने से लगाकर जो भी प्रदर्शन किया, उस पर मुझे गर्व है. कोई दाग तो नहीं है दानिश कनेरिया."
इस पर कनेरिया ने पलटवार कर कहा, "मैंने पैसों के लिए कभी अपने मुल्क को नहीं बेचा और मुझे पाकिस्तानी होने पर गर्व है. लेकिन, बहुत से खिलाड़ियों ने अपने मुल्क को बेचा और उनका आज भी स्वागत किया जाता है. क्या आप इनके बारे में बात करना पसंद करेंगे."
बता दें कि कनेरिया हिंदू समुदाय से संबंध रखते हैं और उनको फिक्सिंग के आरोपों की वजह से काउंटी क्रिकेट से बैन किया गया था. कनेरिया ने कहा था कि इस मामले में पीसीबी ने उनकी मदद नहीं की.
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