बर्मिघम: ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर ने कहा है कि वह बीते चार साल में मैदान पर और मैदान के बाहर ज्यादा जिम्मेदार खिलाड़ी बन गए हैं. वॉर्नर ने यह बात चार साल पहले इंग्लैंड के जो रूट के साथ हुए विवाद के संदर्भ में कही है.



ऑस्ट्रेलिया को आज चैम्पियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल में जगह बनाने के लिए मेजबान इंग्लैंड से भिड़ना है. शुरुआती दो मैच बारिश के कारण धुल जाने के बाद ऑस्ट्रेलिया के लिए यह करो या मरो का मुकाबला है.



चैम्पियंस ट्रॉफी के पिछले सीजन (2013) में वॉर्नर और रूट के बीच विवाद हो गया था. इसका असर उस वक्त वॉर्नर के करियर पर भी पड़ा था.



वेबसाइट क्रिकेट डॉट कॉम डॉट एयू ने वॉर्नर के हवाले से लिखा है, "मेरे लिए वह सीखने का समय था. मैं उस समय युवा था, लेकिन अब अनुभवी हो गया हूं. मेरे दो बच्चे हैं और मैं शादीशुदा हूं. इस दौरान काफी कुछ हुआ है."



वॉर्नर से जब पूछा गया कि क्या रूट के साथ विवाद उनके करियर में बदलाव का निर्णायक कारण बना तो उन्होंने कहा, "मेरे करियर को वापस पटरी पर लाने के लिए, निश्चित ही हां. साथ ही मैं इस समय जैसा इंसान और क्रिकेट खिलाड़ी हूं इसके लिए भी..निश्चित ही हां. हम सभी उस पड़ाव से गुजरते हैं जब हम युवा होते हैं और नहीं पता होता कि क्या करना चाहिए."



उन्होंने कहा, "यह सिर्फ उस पर मिट्टी डाल आगे बढ़ने के बारे में नहीं है. यह लंबे समय तक घर से बाहर टूर पर रहने के बारे में सीखने का भी है, क्योंकि घर में चीजें अलग होती हैं. जब आप युवा होते हैं तो कुछ ही चीजें होती हैं जिनके बारे में आप सोचते हैं. मैंने इस अवस्था में इस पर काम नहीं किया, लेकिन अब कर रहा हूं. मैदान पर और मैदान के बाहर मैंने अच्छा संतुलन बना लिया है."



उन्होंने कहा, "मैंने नहीं सोचा था कि इस परिस्थति में क्या हो सकता है. कौन गलत है कौन सही, इस बारे में लोग ज्यादा दूर तक और गहराई से नहीं सोचते हैं."



वॉर्नर ने कहा कि रूट का विवाद बीती बात है और वह उससे आगे निकल चुके हैं.



उन्होंने कहा, "वह बात भुलाई जा चुकी है. वह सब पीछे छूट चुका है. वह अतीत है और मैं उस कहानी को अपने करियर के समाप्त होने के बाद खुशी से बताऊंगा."



वॉर्नर साल 2013 के बाद एक परिपक्व खिलाड़ी बनकर उभरे हैं. उन्होंने हाल ही में खत्म हुई इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 10वें सीजन में सबसे ज्यादा रन बनाए थे. आईपीएल में वॉर्नर सनराइजर्स हैदराबाद की तरफ से खेलते हैं.



उन्होंने हाल ही में वनडे में अपने 4,000 रन पूरे किए हैं. वह इस मुकाम तक सबसे तेजी से पहुंचने वाले ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी हैं. भारत में टेस्ट में वह संघर्ष करते दिखे थे, लेकिन सीमित ओवरों की क्रिकेट में वह शानदार फॉर्म में हैं. 



उन्होंने कहा, "जब आप मैदान पर और मैदान से बाहर तालमेल बिठा लेते हैं और आपके पास दिमाग में हावी मुद्दे नहीं होते हैं तो चीजें अच्छे से होती हैं."