रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के गेंदबाजी कोच आशीष नेहरा अपनी टीम के गेंदबाजों के प्रदर्शन से काफी निराश हैं. नेहरा का मानना है कि टीम के गेंदबाजों में प्रतिभा की कमी नहीं है, लेकिन इस सीजन वह दबाव झेल नहीं पाए और इसलिए जैसा प्रदर्शन कर सकते थे, वैसा नहीं कर सके.

बैंगलोर को रविवार को दिल्ली कैपिटल्स ने अपने घर फिरोज शाह कोटला मैदान पर 16 रनों से हरा दिया. नेहरा ने मैच के बाद कहा कि उनके गेंदबाज और बेहतर कर सकते थे.

नेहरा ने मैच के बाद कहा, "मुझे नहीं लगता कि यह 188 रनों की विकेट थी. दोनों टीमों ने हालांकि अच्छी बल्लेबाजी की, लेकिन हमने अच्छी गेंदबाजी नहीं की. जब आप मुंबई और बैंगलोर में खेलते हैं तो वहां विकेट मुश्किल है. वहां गेंदबाज मुश्किल में रहता है. दिल्ली ने जब अपने पांच विकेट खो दिए थे, उसके बाद हमारे गेंदबाज मौके का फायदा नहीं उठा सके. आखिरी दो ओवरों में 36 रन आए. ऐसा मुंबई और बेंगलोर में हो सकता है, लेकिन यहां ऐसा नहीं होना चाहिए था."



पूर्व तेज गेंदबाज ने कहा, "कई बार आप 16-17 ओवर अच्छी गेंदबाजी करते हैं, लेकिन आखिरी के ओवर में सब बिगड़ जाता है. अगर आप मुझसे पूछेंगे तो मुझे लगता है कि हमारे तेज गेंदबाज और बेहतर कर सकते थे, जिस तरह का अनुभव उमेश के पास है और जिस तरह का उनका पिछला आईपीएल रहा था. नवदीप सैनी अभी सीख रहे हैं, उनका यह पहला सीजन है. टिम साउदी ने दो-तीन मैच खेले, लेकिन वह उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके. बल्लेबाजी में भी हम अच्छा कर सकते थे."

बीते कुछ मैचों में बैंगलोर के गेंदबाज डेथ ओवरों में रन लुटाते आ रहे हैं. नेहरा ने इसका कारण गेंदबाजों का दबाव न झेल पाना बताया और कहा कि अगर खिलाड़ी दबाव नहीं झेल पाते हैं तो इसमें सुधार करने की जरूरत है.

उन्होंने कहा, "यह जो प्रारूप है इसमें स्किल (कौशल) से ज्यादा विल (इच्छा शाक्ति) और दिल चाहिए. अगर दबाव लेंगे तो कुछ नहीं होगा. दबाव और डरने में फर्क है. दबाव महेंद्र सिंह धोनी, कोहली, डिविलियर्स, रसेल सभी पर है. अभी तक जो है वो साफ है कि हमारे गेंदबाजों ने दबाव अच्छे से नहीं लिया है. जब मैं इन्हीं गेंदबाजों को नेट्स में गेंदबाजी करते देखता हूं तो वो अच्छा करते हैं, लेकिन मैच में नहीं."

नेहरा ने अपनी टीम के सीनियर गेंदबाज उमेश यादव के बारे में कहा कि वह आत्मविश्वास की कमी से जूझ रहे हैं.

उन्होंने कहा, "जिस तरह से बीते 4-5 महीनों में उनकी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट रही है, उसे देखकर पता चलता है कि उमेश निश्चित तौर पर आत्मविश्वास की कमी से जूझ रहे हैं. वह विश्व कप टीम में भी नहीं हैं. इस बात से पार पाना किसी भी खिलाड़ी के लिए आसान नहीं रहता है. वह स्टैंड बाई में भी नहीं हैं. यह निश्चित तौर पर उनके दिमाग में है. मुझे निजी तौर पर लगता है कि वह काफी प्रतिभाशाली हैं."