डीडीसीए चुनाव: जेटली के बेटे को अध्यक्ष बनाने की कोशिश, इनसे हो सकती है टक्कर
डीडीसीए में पिछले एक साल में कई बड़े विवाद देखने को मिले हैं. पिछले साल रजत शर्मा के इस्तीफा देने के बाद से डीडीसीए का अध्यक्ष पद खाली है.
दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष पद को लेकर पिछले एक साल में कई विवाद देखने को मिले हैं. नवंबर में रजत शर्मा के इस्तीफे के बाद से डीडीसीए को नया अध्यक्ष नहीं मिला है. हालांकि दिल्ली उच्च न्यायालय ने डीडीसीए में खाली पड़े अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष और चार निदेशकों के पद के लिए चुनाव कराने के आदेश दे दिए हैं. ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि पूर्व वित्त मंत्री और डीडीसीए के पूर्व अध्यक्ष अरुण जेटली के बेटे रोहन पद की रेस में शामिल हो सकते हैं. रोहन के अलावा बीसीसीआई के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष सी.के. खन्ना की पत्नी भी अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ सकती हैं.
कुछ सदस्यों ने डीडीसीए के पूर्व अध्यक्ष रोहन जेटली से इन चुनावों में हिस्सा लेने का आग्रह किया है. डीडीसीए की विवादस्पाद हालत को देखते हुए हालांकि कुछ सदस्यों ने रोहन जेटली को फूंक-फूंक कर पांव रखने और पहले अध्यक्ष पद की बजाए निदेशक पद के साथ शुरुआत करने की सलाह दी है.
डीडीसीए के अधिकारी ने कहा कि ''मौजूदा स्थिति को देखते हुए और जिस तरह एक निश्चित वर्ग ने जो रजत के साथ किया था, उसे देखते हुए रोहन के लिए यह अच्छा होगा कि वह निदेशक पद से शुरुआत करें ताकि वह कार्यप्रणाली को समझ सकें.''
इनके बीच हो सकती है टक्कर
अधिकारी ने कहा, "रोहन एक बाहरी शख्स हैं. जो उन लोगों द्वारा उपयोग में लिए जा सकते हैं, जिन्होंने रजत को घेरे रखा था. वह अच्छे इंसान हैं. उन्हें इंतजार करना चाहिए और हर चीज को समझना चाहिए और एक निदेशक या कुछ और के तौर पर शुरुआत करना चाहिए तथा सदस्यों का विश्वास जीतना चाहिए. हम उन्हें पसंद करते हैं, लेकिन हम उन लोगों को लेकर सावधान रहना चाहते हैं जिन्होंने डीडीसीए को घेर रखा है और रोहन को चुनाव लड़ने के लिए उकसा रहे हैं."
वहीं दूसरी तरफ ऐसी भी अटकलें हैं कि बीसीसीआई के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष सी.के. खन्ना की पत्नी भी अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ सकती हैं. ऐसी खबरें हैं कि विनोद तिहारा और खन्ना एक हो गए हैं और दोनों ने एक साथ चुनावी मैदान में कूदने का फैसला किया है.
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