धोनी के कैच छूट जाने का अफसोस: आवेश खान
इंडियन प्रीमियर लीग(आईपीएल) के 11वें सीजन में दिल्ली डेयरडेविल्स की तरफ से खेलने वाले तेज गेंदबाज आवेश खान को इस बात का अफसोस है कि उनकी गेंद पर चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का कैच छूट गया था.
नई दिल्ली: इंडियन प्रीमियर लीग(आईपीएल) के 11वें सीजन में दिल्ली डेयरडेविल्स की तरफ से खेलने वाले तेज गेंदबाज आवेश खान को इस बात का अफसोस है कि उनकी गेंद पर चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का कैच छूट गया था. आवेश का कहना है कि अगर धोनी का कैच नहीं छटूता तो वह उनका आईपीएल का सबसे यादगार पल होता.
दरअसल पुणे में 30 अप्रैल के खेले गए मैच में चेन्नई पहली बल्लेबाजी कर रही थी और पारी के 19वें ओवर की पहली गेंद पर कोलिन मुनरो ने आवेश की गेंद पर धोनी का कैच छोड़ दिया था.
आवेश को हालांकि इस बात की खुशी है कि वो युवराज सिंह, आंद्रे रसेल जैसे खिलाड़ियों का विकेट ले पाए.
यहां इंडियन ऑयल के कार्यक्रम स्पोटर्स कॉनक्लेव-2018 में शिरकत करने आए आवेश ने कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, "आईपीएल में मेरा सबसे यादगार पल युवराज सिंह को आउट करना रहा. दुर्भाग्यवश माही भाई (धोनी) का कैच छूट गया था, मेरी गेंद पर. अगर वो कैच पकड़ में आ जाता तो वो मेरा यादगार पल होता, लेकिन युवराज और रसेल का विकेट लेना भी यादगार था."
मध्य प्रदेश के इंदौर से आने वाले इस युवा गेंदबाज ने आईपीएल में अपनी तेजी और उछाल से काफी प्रभावित किया था. उन्होंने अपने आईपीएल के प्रदर्शन पर संतुष्टि जताई.
उन्होंने कहा, "मेरा अनुभव अच्छा रहा. शुरू में मैंने अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन बाद में थोड़ा राह भटक गया और रन भी खाए. जब मैंने इस बारे में सभी से पूछा तो सभी ने कहा कि आईपीएल में गेंदबाजों को रन पड़ते ही हैं."
दिल्ली के मुख्य कोच आस्ट्रेलिया को दो बार विश्व विजेता बनाने वाले कप्तान रिकी पोंटिंग थे. आवेश का कहना है कि पोटिंग हमेशा उन्हें आत्मविश्वास देते थे.
उन्होंने कहा, "वो मुझे हमेशा मेरा उत्साह बढ़ाते थे और बोलते थे कि तुम सर्वश्रेष्ठ हो. तुम हमेशा अच्छा करोगे. वो हमेशा मुझसे सकारात्मक बातें करते थे. इतना बड़ा खिलाड़ी जब बोलता है तो अपने आप एक आत्मविश्वास आता है कि मुझे टीम के लिए अच्छा कर के दिखाना है."
आवेश ने कहा कि दिल्ली के कोचिंग स्टाफ ने उनसे यार्कर और धीमी गेंदों पर काम करने को कहा है.
इस युवा गेंदबाज ने कहा, "सीजन खत्म होने के बाद कोचिंग स्टाफ ने हर खिलाड़ी को बुलाकर बात की थी. मुझे बताया था कि धीमी गेंद और यार्कर गेंद पर काम करो, साथ ही बाउंसर का अच्छा उपयोग करना सीखो और बल्लेबाज की कमजोरी को पकड़ उस पर ध्यान दोगे को काफी सफलता मिलेगी."
प्रशिक्षकों के बताए गए रास्तों के अलावा आवेश नक्कल गेंद पर भी काफी मेहनत करनी है. उन्होंने कहा कि वह नक्कल गेंद अभ्यास में तो फेंक लेते हैं लेकिन मैचों में डाल सकें इसके लिए उन्हें और आत्मविश्वास हासिल करने की जरूरत है.
उन्होंने कहा, "मैं नक्कल गेंद को लगभग सीख ही गया था, लेकिन मैच में डालने का आत्मविश्वास नहीं था. धीरे-धीरे वो आत्मविश्वास हासिल करूंगा और फिर मैं इसे अगले आईपीएल में डालूंगा."
आवेश अपनी सफलता का श्रेय अपने कोच और भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज अमय खुरसिया को देते हैं. अमय बचपन से ही आवेश को प्रशिक्षण दे रहे हैं और जब भी आवेश परेशान होते हैं वो अमय से ही बात करते हैं.
उन्होंने कहा, "मैं जो भी हूं अमय सर की वजह से हूं. वो अंडर-14 से मेरे साथ हैं. मुझे कोई भी दिक्कत आती है तो मैं सीधे उन्हीं से बात करता हूं. उन्होंने मुझे बचपन से सिखाया है, उनके पास मेरा सारे वीडियो हैं तो वो एक्शन को लेकर भी बात करते हैं कि ये चीजें बदल सकते हैं."
आवेश ने मध्यप्रदेश में क्रिकेट की बेहतर स्थिति पर संतुष्टि जताई है और कहा है कि क्रिकेट संबंधी सुविधाओं का स्तर वहां पहले से बेहतर हुआ है.
उन्होंने कहा, "मध्यप्रदेश में अभी हमारा शिविर चल ही रहा है. टी.ए. शेखर सर आए हैं. मैं उनसे हर सेशन में बात करता हूं. मध्यप्रदेश का क्रिकेट भी काफी आगे आया है. हमें अच्छा बैकग्राउंड मिल गया है. पहले मुझे ट्रेनिंग के लिए एमआरएफ अकादमी जाना पड़ता था लेकिन अब मैं अपने राज्य में रहकर ही अच्छी ट्रेनिंग कर सकता हूं क्योंकि अब वहां अच्छी सुविधाएं हैं."