भारत की ओर से एक टेस्ट खेलने वाले दिल्ली के पूर्व क्रिकेटर राजिंदर पाल का कल देहरादून में निधन हो गया. पारिवारिक सूत्रों ने उनके निधन की पुष्टि की है.
पूर्व प्रथम श्रेणी क्रिकेटर और राजिंदर के छोटे भाई रविंदर पाल ने कहा, ‘‘मेरे बड़े भाई राजिंदर पाल का कल देहरादून में उनके निवास पर निधन हो गया. वह 80 साल के थे और उनके परिवार में पत्नी के अलावा दो बेटे और एक बेटी हैं.’’
दाएं हाथ के तेज गेंदबाज राजिंदर पाल ने अपना एकमात्र टेस्ट इंग्लैंड (तब एमसीसी के नाम से जाना जाता था) के खिलाफ 1963-64 सीरीज में मुंबई के ब्रेबोर्न स्टेडियम में खेला था.
राजिंदर ने इस मैच में 13 ओवर (11 ओवर में बिना विकेट के 19 रन और दो ओवर में बिना विकेट के तीन रन) किफायती गेंदबाजी की लेकिन उन्हें कोई विकेट नहीं मिला. चयनकर्ताओं ने इसके बाद अगले मैच में उनसे कहीं तेज गति से गेंदबाजी करने वाले रमाकांत देसाई को मौका दिया.
राजिंदर ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 98 मैचों में 337 विकेट चटकाए. उन्होंने 23 बार पारी में पांच या इससे अधिक विकेट हासिल किए.
उन्होंने एक दशक तक रणजी ट्राफी में दिल्ली की ओर से खेले जिसके बाद उन्होंने दक्षिण पंजाब (तब पंजाब की दो रणजी टीमें होती थी) और हरियाणा का रुख किया.
संन्यास के बाद वह जूनियर क्रिकेटरों को कोचिंग देने लगे और देहरादून में बस गए.