नई दिल्ली: बीसीसीआई का लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने के लिये समिति गठित करने का फैसला विशेषकर पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के 'यथास्थिति' बरकरार रखने के प्रयास को विफल करने के लिये किया गया क्योंकि वह एसजीएम में प्रस्ताव अपनाने को मंजूर नहीं थे.



श्रीनिवासन के अलावा पता चला है कि एक बीसीसीआई के एक अन्य पूर्व अध्यक्ष ने भी राज्य इकाईयों को लगातार फोन करके उन्हें उच्चतम न्यायालय से नियुक्त लोढ़ा पैनल की सिफारिशों को लागू करने के लिये समिति के गठन का विरोध करने की सलाह दी थी.



मुंबई में पिछले 24 घंटे काफी घटनाप्रधान रहे. पता चला है कि श्रीनिवासन पहले लोढ़ा समिति की सिफारिशों को अपनाने के संबंध में प्रस्ताव लाने पर पहले सहमत हो गये थे.



इस हिसाब से पश्चिम क्षेत्र की एक इकाई के अध्यक्ष जो कि वकील भी हैं, ने प्रस्ताव तैयार कर दिया था. लेकिन सुबह श्रीनिवासन ने यूटर्न ले लिया और कहा कि वह उन्हें कोई प्रस्ताव मंजूर नहीं है.



एसजीएम में उपस्थित एक राज्य इकाई के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'यह आश्चर्यजनक था कि श्रीनिवासन ने रविवार की रात को प्रस्ताव अपनाने पर सहमति जतायी थी. इस प्रस्ताव में विवादास्पद मसले(एक राज्य एक मत, 70 साल की आयु सीमा, तीन साल का कूलिंग आफ पीरियड और तीन की बजाय पांच सदस्यीय चयनसमिति) भी शामिल थे. लेकिन आज सुबह वह आये और उन्होंने कहा कि वह किसी भी प्रस्ताव का समर्थन नहीं करेंगे.' 



उन्होंने कहा, 'श्रीनिवासन और उनके समर्थकों का मानना था कि उच्चतम न्यायालय को इस पर फैसला करने देना चाहिए और बीसीसीआई को कोई सुधार लागू नहीं करना चाहिए. लेकिन इसका भी विरोध किया गया.'



अधिकतर राज्य इकाईयां गतिरोध दूर करना चाहती थी लेकिन श्रीनिवासन सरीखे कुछ यथास्थिति बनाये रखना चाहते थे ताकि प्रक्रिया में आगे भी देरी हो. दिलचस्प बात यह है कि दो पूर्व पदाधिकारी(एक अध्यक्ष और एक सचिव) ने भी राज्य इकाइयों को फोन करके उन्हें समिति गठित करने से रोकने को प्रयास किया था. सूत्रों ने कहा, 'यह पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष भी श्रीनिवासन की तरह समिति गठित करने के सख्त खिलाफ था. उन्होंने कई इकाइयों को फोन किया लेकिन सदस्यों का मानना था कि अब कुछ कार्वाई करनी जरूरी है.' 



समिति में जिन सदस्यों की पुष्टि हो गयी है उनमें कार्यवाहक अध्यक्ष सी के खन्ना, कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी, कोषाध्यक्ष अनिरूद्ध चौधरी तथा पूर्वोत्तर राज्यों का एक प्रतिनिधि शामिल है. दो अन्य सदस्य समिति का हिस्सा बन सकते हैं.



श्रीनिवासन ने तमिलनाडु क्रिकेट संघ के प्रतिनिधि के रूप में बीसीसीआई की विशेष आम सभा(एसजीएम) में हिस्सा लिया था.