भारतीय टीम को न्यूज़ीलैंड दौरे से पहले एक बड़ा झटका लगा है. ये झटका एक खिलाड़ी का नहीं, बल्कि परिपक्व होती एक रणनीति पर फिर से लगे ब्रेक का है. भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन पांच टी-20 मैचों की सीरीज से बाहर हो गए हैं. जिसके चलते अब विराट कोहली को एक बार फिर अपना प्लान बदलना होगा. शिखर को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हालिया वनडे सीरीज के तीसरे मैच में फील्डिंग के दौरान कंधे में चोट लग गई थी. शिखर को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे मैच में उस वक्त चोट लगी थी जब वो कवर प्वाइंट पर फील्डिंग कर रहे थे. एरॉन फिंच के एक शॉट को रोकने की कोशिश में वो गिरे थे. जिसमें उनके कंधे में चोट लगी थी. इसके बाद उन्होंने इस मैच में बल्लेबाजी नहीं की थी. टीम इंडिया के साथ साथ ये शिखर धवन के लिए भी बड़ा झटका है. शिखर अच्छी फॉर्म में दिख रहे थे. उन्होंने मुंबई में खेले गए पहले मैच में 74 और राजकोट में दूसरे मैच में 96 रनों की शानदार पारी खेली थी. उनकी ये दोनों पारियां इसलिए अहम थीं क्योंकि वो चोट के बाद वापसी कर रहे थे. आपको याद दिला दें कि विश्व कप में लगी चोट से वापसी करने के बाद शिखर धवन अपनी फॉर्म से जूझ रहे थे. विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शानदार शतक के दौरान उन्हें चोट लग गई थी. जिसके चलते वो विश्व कप से बाहर हो गए थे. इसके बाद उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज के लिए टीम में वापसी तो की लेकिन उनका बल्ला नहीं चला. वेस्टइंडीज के खिलाफ तीन वनडे मैचों की सीरीज में उन्होंने कुल 112 रन बनाए थे.

विराट को फिर बदलनी होगी रणनीति

सारी परेशानी विराट कोहली के लिए है. विराट कोहली ने शिखर की गैरमौजूदगी में रोहित शर्मा और केएल राहुल को सलामी बल्लेबाजी की जिम्मेदारी सौंपी. रोहित शर्मा और केएल राहुल के बीच अच्छा तालमेल बनने लगा था. दोनों ने श्रीलंका के खिलाफ पिछली टी-20 सीरीज में अच्छा प्रदर्शन किया. इस बीच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले वनडे के लिए शिखर धवन की टीम में वापसी हुई. विराट कोहली ने शिखर, राहुल और रोहित तीनों को प्लेइंग 11 में चुनने का फैसला किया. इस फैसले के चलते ही विराट कोहली ने अपना बल्लेबाजी क्रम बदला. वो पहले वनडे में चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने के लिए आए. इस बदलाव की वजह से ही भारतीय बल्लेबाजी मिडिल ऑर्डर में बहुत असंतुलित दिखाई दी. ऑस्ट्रेलिया ने पहले वनडे में भारत को 10 विकेट के बड़े अंतर से हरा दिया. दूसरे वनडे में विराट कोहली ने यू-टर्न लिया. उन्होंने नंबर तीन पर वापसी की और केएल राहुल को बल्लेबाजी क्रम में ‘डिमोट’ किया. दूसरे मैच में केएल राहुल ने 80 रन बनाए. इसके बाद उन्होंने केएल राहुल को आखिरी वनडे में दोहरी जिम्मेदारी दी. ये दोहरी जिम्मेदारी थी विकेटकीपिंग के साथ साथ बल्लेबाजी की. केएल राहुल इस रोल में भी परिपक्व नजर आए. इसके बाद विराट कोहली ने साफ साफ कहा कि केएल राहुल के कीपिंग करने से उन्हें एक और बल्लेबाज को प्लेइंग 11 में शामिल करने की आजादी मिलती है इसलिए फिलहाल भारतीय क्रिकेट में यही इंतजाम चलता रहेगा. लेकिन शिखर धवन की चोट के बाद अब एक बार फिर इस व्यवस्था और रणनीति में बदलाव करना होगा क्योंकि केएल राहुल को दोबारा सलामी बल्लेबाज का रोल निभाना होगा.

बार बार चोट से क्यों जूझ रहे हैं शिखर

किसी भी खिलाड़ी के लिए चोट से बचना आसान नहीं होता. लेकिन शिखर धवन के लिए इन दिनों चोट लगना कुछ ज्यादा ही आम बात हो गई है. विश्व कप के दौरान ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में उन्हें अंगूठे में चोट लगी थी. इसके बाद वेस्टइंडीज के खिलाफ टी-20 सीरीज के दौरान उन्हें बाएं पैर में चोट लगी थी. अब उन्हें कंधे में चोट लगी है. एक के बाद एक लगातार चोट से जूझना और फिर मैदान में वापसी कर अपनी उपयोगिता साबित करना शिखर धवन के लिए आसान नहीं रहने वाला है. ये उनके करियर का मुश्किल वक्त है.