नई दिल्ली: बीसीसीआई ने गुरुवार को अपने सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट का एलान किया था. जैसे ही धोनी को बीसीसीआई की सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट से बाहर किया गया, वैसे ही उनके करियर के अंत को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो गए. सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर होने के बाद धोनी की तरफ से अभी तक कोई बयान सामने नहीं आया है. धोनी बीते साल इंग्लैंड में खेले गए वनडे विश्व कप के बाद से टीम में नहीं है. उन्होंने आखिरी बार विश्व कप के सेमीफाइनल में भारतीय टीम की जर्सी पहनी थी लेकिन इसके बाद से वह आराम के नाम से बाहर हैं.


बीसीसीआई चार श्रेणियों में अपने खिलाड़ियों को अनुबंध देती है और वो श्रेणियां होती हैं ए प्लस, ए, बी और सी. खिलाड़ी किस-किस प्रारूप की टीम में खेलते हैं उसके हिसाब से इन कैटेगरी में खिलाड़ियों को जगह मिलती है. पिछली बार धोनी को कैटेगरी-ए में रखा गया था लेकिन इस बार उनको बाहर कर दिया है. इस नजरअंदाजी ने उन सवालों को और सुलगा दिया है जिसमें धोनी के संन्यास की बातें कही जा रही हैं.


धोनी की आस पंत की नाकामी में है


ऐसी अटकलें थी कि धोनी 2019 विश्व कप के बाद संन्यास ले लेंगे लेकिन ऐसा हुआ नहीं. इस बीच मीडिया में खबरें भी आई थी कि धोनी तो संन्यास लेना चाहते हैं लेकिन टीम प्रबंधन ने उन्हें रोक लिया है और इस बात के पीछे टीम प्रबंधन का तर्क है कि युवा विकेटकीपर ऋषभ पंत ही धोनी के इकलौते विकल्प के रूप में सामने आ रहे है. लेकिन पंत अभी भी भरोसे लायक खिलाड़ी नहीं बने हैं इसलिए आस्ट्रेलिया में खेले जाने वाले टी-20 विश्व कप को देखते हुए धोनी को रोके रखा है.



लेकिन धोनी की टीम में वापसी नहीं हुई और उनके संन्यास की खबरों ने भी बैकसीट नहीं ली. इस बीच धोनी ने भी एक समारोह में वापसी के सवाल पर कहा था, "जनवरी तक मत पूछो." जनवरी भी आ गई लेकिन धोनी श्रीलंका सीरीज, आस्ट्रेलिया सीरीज और न्यूजीलैंड सीरीज के लिए घोषित टी-20 सीरीज में नहीं लौटे.


आईपीएल के बाद साफ होगी तस्वीर


दो महीने पहले कोच रवि शास्त्री ने एक इंटरव्यू में धोनी की टीम में वापसी को लेकर कहा था कि, "यह निर्भर करता है कि वह कब खेलना शुरू करते हैं और आईपीएल में कैसा खेलते हैं. वहीं दूसरे खिलाड़ी विकेटकीपिंग में क्या कर रहे हैं और धोनी के मुकाबले उनकी फॉर्म क्या है. आईपीएल बड़ा टूर्नामेंट होगा क्योंकि आपके लगभग 15 खिलाड़ी तय हो चुके होंगे." शास्त्री के बयान से लग रहा था कि धोनी अगर आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो उन्हें वर्ल्ड कप में मौका मिलेगा और इसके बाद वह संन्यास ले सकते हैं.


हालांकि वर्ल्ड कप के बाद ही सिलेक्शन कमेटी के प्रमुख एमएसके प्रसाद ने साफ कर दिया था कि पंत अब तीनों फॉर्मेट में टीम के मुख्य विकेटकीपर बल्लेबाज होंगे. सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट से बाहर होने के बावजूद BCCI ने टीम में धोनी की दावेदारी को खारिज नहीं किया है. BCCI का साफ कहना है कि अगर धोनी अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो टीम में वापसी के लिए दावेदारी पेश कर सकते हैं.


धीमा हुआ है धोनी का खेल


वर्ल्ड कप के दौरान धोनी ठीक-ठाक प्रदर्शन करने के बावजूद अपने धीमे खेल की वजह से फैंस के निशाने पर आ गए थे. वर्ल्ड कप के दौरान जिन भी अहम मौकों पर तेजी से रन बनाने की जरूरत थी धोनी उसमें कामयाब नहीं हो पाए रहे थे. पिछले 2015 के बाद का धोनी का रिकॉर्ड देखा जाए तो उनका स्ट्राइक रेट 84 से ज्यादा का नहीं रहा है. धोनी छठे या सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने आते हैं और उस समय टीम को तेजी से रन बनाने वाले बल्लेबाज की जरूरत रहती है.



स्ट्राइक रेट के अलावा भी धोनी के खेल में पिछले चार साल में काफी अप एंड डाउन देखने को मिला है. 2016 में धोनी ने 13 मैचों की 10 पारियों में 27 के औसत के साथ 278 रन बनाए थे. 2017 में धोनी का प्रदर्शन सुधरा और उन्होंने 22 पारियों में 788 रन बनाए और इस दौरान उनका औसत 60 का रहा. 2018 में धोनी 13 पारियों में 25 के औसत के साथ 275 रन ही बना पाए. 2019 में उनके प्रदर्शन में फिर सुधार हुआ और उन्होंने 16 पारियों में 60 के औसत के साथ 600 रन बनाए. हालांकि सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ मिली हार के बाद से उन्हें टीम में जगह नहीं मिली.


धोनी ने पिछले चार साल में महज 1 शतक ही लगाया है. 2015 के बाद दोनी 13 अर्धशतक लगाने में कामयाब रहे हैं. हालांकि अब देखा जाए तो कम से कम यह तो माना ही जा सकता है कि टीम इंडिया के सबसे सफल वनडे कप्तान धोनी का 50-50 फॉर्मेट में करियर लगभग खत्म हो चुका है. ऐसे भी कयास लगाए जा सकते हैं कि आईपीएल में अगर धोनी को कामयाबी मिलती है तो भी वह इस साल अपने करियर के अंत का एलान कर सकते हैं.