अपने घर में ऑस्ट्रेलिया के हाथों वनडे सीरीज मे मिली 2-3 से हार को अगर छोड़ दिया जाए तो भारतीय टीम हमेशा से हर जगह अपना दबदबा दिखाने में कामयाब रही है और इस सफलता में लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल तथा कुलदीप यादव का बड़ा हाथ रहा है.


डेब्यू के बाद कलाई के इन दोनों स्पिनरों की जोड़ी ने मिलकर 159 विकेट झटके हैं और भारत को साउथ अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में वनडे सीरीज में बड़ी जीतें दिलाई हैं. चहल का मानना है कि इस जोड़ी के बीच जो भरोसा है उसने सफलता में बड़ा काम किया है.


चहल ने कहा, "हम दोनों एक दूसरे को लंबे समय से जानते हैं. हम साझेदारियों में गेंदबाजी करते हैं. अगर वह पहले गेंदबाजी करते हैं तो मुझे बता देतें हैं कि मुझे कहां गेंद डालनी चाहिए और मैं ऐसा ही करता हूं. माही भाई भी अपनी सलाह देते रहते हैं. हमने कभी उस चीज के बारे में नहीं सोचा है जिसे हम कर नहीं सकते हों. हमें जब भी मौका मिलता है जोखिम उठाते हैं."


चहल ने कहा कि ड्रेसिंग रूम में अन्य खिलाड़ियों का अनुभव जोड़ी के लिए अहम रहा है. इसमें रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा का नाम भी शामिल है जिनका भारत की सीमित ओवरों की टीम में सफर चहल और कुलदीप के आने के बाद से थम गया था.


उन्होंने कहा, "हमारी तुलना इन दोनों से करना सही नहीं होगा. मैंने अश्विन के साथ ज्यादा मैच नहीं खेले हैं, लेकिन जडडू पा कभी भी मदद करने से पीछे नहीं हटे हैं."


चहल ने कहा, "माही भाई हमें यह बताने में मदद करते हैं कि विकेट किस तरह का व्यवहार करने वाली है. उनके साथ विराट भाई, रोहित भाई भी हमारी काफी मदद करते हैं. हमारी टीम में कई कप्तान हैं और वह एक-दूसरे का सम्मान करते हैं. इसने मेरी और कुलदीप की सफलता में बड़ा रोल निभाया है."


चहल ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 12वें सीजन में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के लिए सभी मैच खेले. इससे हालांकि एक थकान की चिंता जरूर उत्पन्न हुई, लेकिन चहल को लगता है कि विश्व कप से पहले मैच अभ्यास किसी भी खिलाड़ी के लिए अच्छा है.


उन्होंने कहा, "आप अभ्यास करने के बजाए मैच के दौरान काफी कुछ सीखते हैं. आईपीएल में हमने जिन खिलाड़ियों का सामना किया वो लगभग वही हैं जो विश्व कप में हमारे सामने आने वाले हैं. इसलिए अगर हम अच्छा करेंगे तो जो आत्मविश्वास मिलेगा वो हमारे लिए ही अच्छा होगा."