Saurav Ganguly raised questions on Gavaskar statements: भारत और इंग्लैंड के बीच 5 मैचों की टेस्ट सीरीज खेली जा रही है. इस सीरीज में कप्तान रोहित शर्मा ने सीनियर खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में युवा ब्रिगेड के साथ मिलकर सीरीज पर 3-1 से कब्जा जमा लिया है. इस सीरीज में सबसे ज्यादा जिस युवा खिलाड़ी ने प्रभावित किया है वह है 23 वर्षीय विकेटकीपर युवा बल्लेबाज ध्रुव जुरेल. उन्होंने रांची में खेले गए अपने करियर के दूसरे टेस्ट में क्रिकेट फैंस और दिग्गजों को जमकर प्रभावित किया है. वह इस टेस्ट मुकाबले में आर्कषण का केंद्र रहे. इसी कड़ी में जुरेल को लेकर कई पूर्व दिग्गज खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिक्रिया देना भी शुरू कर दिया है. इस लिस्ट में बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष और भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली का नाम भी शामिल हो गया है. उन्होंने इस दायें हाथ के खिलाड़ी को लेकर एक बड़ी प्रतिक्रिया दी है.
धोनी से तुलना करना जल्दबाजी: दादा
दादा ने बेशक क्रिकेट से संन्यास ले लिया है, लेकिन वह समय-समय पर खिलाड़ियों को अपनी राय और सुझाव देने में बिल्कुल भी नहीं हिचकिचाते नहीं हैं. वह भारत बनाम इग्लैंड के बीच खेली जा रही सीरीज में युवा खिलाड़ियों से काफी ज्यादा खुश नजर आ रहे हैं. खासतौर पर ध्रुव जुरेल की बल्लेबाजी ने उनका दिल ही जीत लिया है. लेकिन वह जुरेल पर कटाक्ष करने में भी पीछे नहीं हटे.
दादा ने रेवस्पोर्ट्ज से बातचीत करते हुए कहा कि, "ध्रुव जुरेल ने मुश्किल विकेट पर दबाव में क्या टेस्ट मैच खेला. उनमें बहुत प्रतिभा है और अगर इस मौके को चूक गए तो वापसी करना बहुत मुश्किल होगा. एमएस धोनी एक अलग तरह के खिलाड़ी हैं. जुरेल में प्रतिभा है, इसमें कोई संदेह नहीं है. लेकिन एमएस धोनी को एमएस धोनी बनने में 20 साल लग गए. बल्कि धोनी को धोनी बनने में 15 साल लग गए. इसलिए जुरेल को खेलने दीजिए. जुरेल में स्पिन, गति और आक्रामक खेलने की क्षमता है. दबाव में प्रदर्शन करना महत्वपूर्ण है. आप एक युवा खिलाड़ी में यही तलाशते हैं."
सुनील गावस्कर ने की धोनी से तुलना
मौजूदा कॉमेंटेटर और अपने दौर के दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर चौथे टेस्ट में जुरेल के शानदार प्रदर्शन से इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने जुरेल को अगला धोनी तक कह दिया, जिसके बाद गांगुली की प्रतिक्रिया के बाद ऐसा प्रतीत हो रहा है कि वह उनकी इस बात से कतई भी सहमत नहीं हैं. बता दें कि जुरेल ने रांची टेस्ट में मुश्किल में फंसी टीम इंडिया को संकट से निकाला था. पहली पारी में उन्होंने 90 रन बनाए थे. वहीं दूसरी पारी में मैच विनिंग नॉक के साथ नाबाद लौटे थे.