Dhruv Jurel Test Call-up: मां ने सोने की चेन बेचकर दिलाई क्रिकेट किट, ध्रुव जुरेल ने खुद सुनाया था यह इमोशनल किस्सा
Dhruv Jurel: इंग्लैंड के लिए भारत की 16 सदस्यीय टेस्ट स्क्वाड में ध्रुव जुरेल को भी जगह मिली है. एक वक्त ऐसा भी था जब उनकी मां ने सोने की चेन बेचकर उन्हें क्रिकेट किट दिलाई थी.
Dhruv Jurel In Test Team: इंग्लैंड के खिलाफ 5 मैचों की टेस्ट सीरीज के शुरुआती दो मुकाबलों के लिए ध्रुव जुरेल को भी टीम इंडिया में जगह मिली है. यह पहली बार है जब इस ताबड़तोड़ विकेटकीपर बल्लेबाज को टेस्ट सीरीज के लिए टीम इंडिया से बुलावा आया है. ईशान किशन और ऋषभ पंत जैसे विकेटकीपर बल्लेबाजों की अनुपलब्धता और घरेलू क्रिकेट में रेड बॉल से दमदार प्रदर्शन ने ध्रुव को टेस्ट स्क्वाड में जगह दिलाई है.
ध्रुव जुरेल अभी महज 22 साल के हैं. राजस्थान रॉयल्स की ओर से आईपीएल में धमाकेदार डेब्यू पारी ने उन्हें सबसे पहली बार सुर्खियां दिलाई थी. हालांकि यह खिलाड़ी अंडर-19 क्रिकेट से लेकर घरेलू टूर्नामेंट में लगातार अच्छा प्रदर्शन करता रहा है. बेहद कम उम्र में ही उन्होंने तय कर लिया था कि उन्हें क्रिकेटर बनना है और इसके लिए उनकी जिद और जुनून ने ही आज उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है.
जुरेल ने जब राजस्थान रॉयल्स के लिए आईपीएल 2023 में बैक टू बैक धमाकेदार पारियां खेली तो उसके बाद एक इंटरव्यू में उन्होंने अपने क्रिकेट के लिए पागलपन से जुड़े कई किस्से सुनाए थे. इस किस्से में एक इमोशनल कहानी भी थी. ईएसपीएन क्रिकइंफो से बातचीत करते हुए उन्होंने बताया था कि उनकी मां ने अपनी सोने की चेन बेचकर उन्हें क्रिकेट किट बैग दिलाया था.
क्रिकेट किट की जिद और मां का त्याग
जुरेल ने बताया था, 'मैं 14 साल का था तो मैंने अपने पिता से कश्मीरी विलो बैट खरीदने के लिए कहा. तब यह 1500 से 2000 का था. उस वक्त यह बड़ी कीमत होती थी लेकिन मेरे पिता ने मुझे यह खरीदकर दिया. लेकिन जब पूरे किट बैग की बात थी तो फिर यह बहुत ज्यादा महंगा था. मैंने खुद को बाथरूम में लॉक कर लिया और उन्हें धमकी दे दी कि अगर मेरे लिए क्रिकेट किट नहीं लाए तो मैं भाग जाऊंगा. इस बात ने मेरी मां को भावुक कर दिया. उन्होंने मेरे पिता को अपनी सोने की चेन दी और कहा कि इसे बेचकर किट ले आओ. ऐसा हुआ तो मैं बहुत खुश था लेकिन जब मैं चीजों को समझने लगा तब मुझे अहसास हुआ कि यह कितना बड़ा त्याग था.'
मां के त्याग की कहानी यहीं खत्म नहीं होती है. जब जुरेल क्रिकेट में भविष्य बनाने के लिए आगरा से नोएडा आना-जाना करने लगे और उनके ट्रेवल में ज्यादा वक्त जाया होने लगा तो उनकी मां ने उन्हें नोएडा शिफ्ट होने की सलाह दी. अपने बेटे के लिए वह भी कुछ समय तक नोएडा में ही रहीं.
यह भी पढ़ें...