टेस्ट क्रिकेट में एक बार फिर बॉल टेम्परिंग का मामला गर्मा गया है. मार्च महीने में ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी इसके गिरफ्त में आए थे और अब श्रीलंका के कप्तान दिनेश चांदीमल पर आईसीसी ने बॉल टेम्परिंग का दोषी पाया है. चांदीमल पर ये आरोप वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे टेस्ट के दौरान लगा.
मैच के तीसरे दिन श्रीलंकाई टीम ने बॉल बदलने की मांग से नाराज होकर मैदान पर उतरने से इनकार कर दिया और मैदान में दो घंटे देर से उतरे.
मैदानी अंपायर अलीम डार और इयान गोल्ड दूसरे दिन के खेल के अंतिम समय में बॉल की हालत से संतुष्ट नहीं थे. श्रीलंकाई टीम से कहा गया कि वे उसी गेंद से खेल आगे शुरू नहीं कर सकते.
आईसीसी ने ट्विटर पर घोषणा की कि चंदीमल पर आईसीसी आचार संहिता के नियम 2.2.9 के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है. यह उल्लघंन ‘ गेंद की हालत बदलने’ से संबंधित है. यह वही धारा है जिसके तहत ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी कैमरन बैनक्रॉफ्ट को दोषी पाया गया था. आईसीसी ने उस वक्त उन्हें एक टेस्ट के लिए बैन किया था जबकि पूरे मामले के सामने आने के बाद क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने मैच के कप्तान स्टीन स्मिथ और उप कप्तान डेविड वार्नर को एक साल जबकि कैमरन बैनक्रॉफ्ट को 9 महीने के लिए बैन किया था. इस मामले में के बाद आईसीसी ने सजा को लेकर नियम बदलने की बात कही थी ऐसे में देखना होगा कि श्रींलकाई कप्तान को आईसीसी की तरफ से कितनी सजा मिलती है.
श्रीलंका पर पहले ही पांच रन का जुर्माना लगाया जा चुका है. लेकिन बॉल टेम्परिंग को देखते हुए ये सिर्फ एक तात्कालिन सजा ही थी.
मैच रेफरी जवागल श्रीनाथ, श्रीलंकाई कोच चंडिका हथुरासिंघे और टीम मैनेजर असांका गुरूसिंघा के बीच बातचीत हुई. एक समय दिन के खेल और यहां तक कि पूरे मैच को लेकर आशंका बन गयी थी. बातचीत के बाद हालांकि श्रीलंकाई गेंद बदलने और आगे खेलने के लिये तैयार हो गये.
श्रीलंका क्रिकेट ने बयान जारी कर टीम के खिलाड़ियों का पूरा समर्थन किया.
श्रीलंका क्रिकेट ने कहा , ‘‘टीम मैनजमेंट ने हमें बताया कि श्रीलंका के खिलाड़ी किसी भी गलत काम में शामिल नहीं हैं.’’
बोर्ड ने खिलाड़ियों से बातचीत के बाद उन्हें मैदान में उतरने के लिए मना लिया था.
बयान में कहा गया , ‘‘श्रीलंका क्रिकेट ने खिलाड़ियों को मैदान में उतरने की सलाह दी है ताकि मैच जारी रहे और खेल की भावना को कायम रखने के लिए टीम द्वारा ' विरोध के तहत ' खेल जारी रखने के निर्णय की सराहना करते हैं.’’
कल की घटना के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने कहा कि उनके पास कार्रवाई करने का अधिकार है।
आईसीसी ने ट्वीट किया , ‘‘अगर किसी आचार संहिता का उल्लंघन हुआ है तो मैच के खत्म होने के बाद नियमों के मुताबिक कार्रवाई होगी.’’
इससे पहले टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में केवल एक बार टीम के मैदान पर उतरने से इन्कार करने के बाद मैच आगे नहीं खेला गया था. पाकिस्तान पर 2006 में ओवल में अंपायर बिली डाक्ट्रोव और डेरेल हेयर ने गेंद से छेड़छाड़ के लिये पांच पेनल्टी रन का जुर्माना लगाया था.
इससे नाराज पाकिस्तानी टीम चौथे दिन टी के बाद मैदान पर नहीं उतरी और अंपायरों ने इंग्लैंड को विजेता घोषित कर दिया. पाकिस्तान ने हालांकि बाद में कहा कि वह मैदान पर उतरना चाहता था.