नई दिल्ली: निदहास ट्राफी के फाइनल मुकाबले में बांग्लादेश के खिलाफ भारत को दिनेश कार्तिक ने आखिरी गेंद पर छक्का मारकर जीत दिलाई. कार्तिक ने ना सिर्फ फाइनल मुकाबले में बल्कि पूरी सीरीज में ही शानदार बल्लेबाजी की. सीरीज में बांग्लादेश या श्रीलंका का कोई भी गेंदबाज उन्हें आउट करने में कामयाब नहीं हो पाया.


हालांकि, अपने करियर के सबसे अच्छे फॉर्म में चल रहे कार्तिक को अब भी टीम के बाहर होने का डर सता रहा है. फाइनल मुकाबले से पहले दिनेश कार्तिक ने कहा कि एक खराब टूर्नामेंट उन्हें टीम से बाहर कर देगा. उन्होंने कहा, 'हर टूर्नामेंट जरूरी होता है, एक खराब सीरीज मुझे टीम से बाहर कर देगी. हर सीरीज में मुझे अपना सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करना होगा. मैं जानता हूं मुझपर प्रेशर है और मुझे इससे डील करना है.'


फाइनल मुकाबले में दिनेश कार्तिक जब बल्लेबाजी करने आए तो भारत को जीत के लिए 12 गेंदों पर 34 रन चाहिए थे. कार्तिक ने बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए 3 छक्कों की मदद से 8 गेंदों पर 28 रनों की नाबाद पारी खेली और सीरीज भारतीय टीम के नाम कर दी.


दिनेश कार्तिक को इस सीरीज में धोनी की जगह टीम की विकेटकीपिंग का जिम्मा दिया गया था. वैसे 32 साल के कार्तिक के करियर की शुरुआत धोनी से 3 महीने पहले हुई थी, पर कभी भी टीम में परमानेंट जगह नहीं बना पाए.