हेडिंग्ले: आईपीएल के 10वें सीजन के सबसे महंगे खिलाड़ी रहे इंग्लैंड के बेन स्टोक्स ने कहा कि जब उनकी टीम राइजिंग पुणे सुपरजाएंट फाइनल में मुंबई इंडियंस से एक रन से हार गई, तब भी उन्हें नहीं लगा कि उन्हें फाइनल मैच में होना चाहिए था. स्टोक्स का कहना है कि कौन जानता है कि वो फाइनल में किस तरह का प्रदर्शन करते. 



 



फाइनल में पुणे की हार के बाद ऐसी बातें उठी थीं कि फाइनल में स्टोक्स होते तो नतीजा पुणे के पक्ष में हो सकता था. स्टोक्स फाइनल से पहले अपनी राष्ट्रीय टीम की प्रतिबद्धता के चलते आईपीएल छोड़ कर स्पेन में टीम के प्रशिक्षण शिविर में हिस्सा लेने के लिए रवाना हो गए थे. 



 



वेबसाइट ईएसपीएनक्रिकइंफो ने स्टोक्स के हवाले से लिखा है, "मैं चाहे, इंग्लैंड के लिए खेलूं चाहे डरहम या पुणे के लिए, मैं जीतना चाहता हूं. बाहर बैठ कर मैच देखना मुश्किल होता है. लेकिन, ऐसा एक भी पल नहीं था जब मुझे लगा हो कि मुझे वहां फाइनल में होना चाहिए था क्योंकि कौन जानता है कि मैं दो ओवरों में 40 रन दे देता?"



 



अपनी गैर मौजूदगी पर स्टोक्स ने कहा, "टूर्नामेंट से पहले मुझे, क्रिस वोक्स और जोस बटलर को साफ बता दिया गया था कि हम 14 मैचों की लिए उपलब्ध रहेंगे. अगर हम तीनों में से किसी की भी टीम फाइनल में पहुंचती है तो हम उसके लिए मौजूद नहीं रहेंगे. इसलिए सभी टीमें इस बात को जानती थीं, हम भी जानते थे."



 



स्टोक्स का मानना है कि आईपीएल में विशेषज्ञ प्रशिक्षकों के साथ काम करने से उनके खेल में सुधार हुआ है. स्टोक्स ने कहा, "मेरा मानना है कि दक्षिण अफ्रीका के एरिक सिमंस के साथ काम करने के बाद मेरी गेंदबाजी अच्छे स्तर पर पहुंच गई है. हालिया दौर में एकदिवसीय में मेरा खेल सभी क्षेत्रों में जैसा था, उससे काफी बेहतर हुआ है. यह छह सप्ताह तक उनके साथ काम करने का नतीजा है."



 



उन्होंने कहा, "बाकी चीजों में, अलग हालत और दवाब में बल्लेबाजी करने से मुझे फायदा हुआ है." स्टोक्स को आईपीएल का सबसे मूल्यवान खिलाड़ी चुना गया. इस पर स्टोक्स ने कहा, "इस टूर्नामेंट का हिस्सा बनना शानदार था. साथ ही एमवीपी ( मोस्ट वैल्यूड प्लेयर) का खिताब जीतना वैसा था जिसके लिए आप टूर्नामेंट में खेलते हैं." स्टोक्स को पुणे ने 14.5 करोड़ रुपये की कीमत में खरीदा था.