टीम इंडिया के पूर्व कप्तान एमएस धोनी समेत कई अंतराष्ट्रीय क्रिकेटर्स इस समय फर्स्ट-क्लास क्रिकेट से दूरी बनाने का फैसला किया है. ऐसे में इन सितारों को भी क्रिकेट के कई जानकारों की आलोचना झेलनी पड़ रही है. ऐसे में टीम इंडिया के कप्तान एमएस धोनी ने अपनी बात रखी है.
बीते दिन बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन की बुक लॉंच के मौके पर धोनी ने कहा कि लोगों को ‘व्यक्तिगत पसंद की आलोचना’ करने से बचना चाहिये.
युजवेंद्र चहल और शिखर धवन ने इस साल रणजी ट्राफी नहीं खेला जबकि भारत के लिये सिर्फ एक प्रारूप में खेलने वाले अंबाती रायुडू ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट को अलविदा कह दिया.
धोनी ने टेस्ट क्रिकेट को 2014 में अलविदा कह दिया था. सुनील गावस्कर ने हाल ही में कहा था कि मैच फिट रहने के लिये उन्हें प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलना चाहिये.
धोनी बोले,‘‘खिलाड़ियों को संभालना जरूरी है. हमें घरेलू सर्किट थोड़ा कम चुनौतीपूर्ण बनाना चाहिये. इसके अलावा टी20 क्रिकेट और व्यक्तिगत पसंद की भी ज्यादा आलोचना नहीं की जानी चाहिये.’’
धोनी ने भारतीय टीम के विभिन्न प्रारूपों में प्रदर्शन पर संतोष जताया और आस्ट्रेलिया में सफलता का श्रेय गेंदबाजों को दिया.
उन्होंने कहा,‘‘हम जिस तरह से खेल रहे हैं, मैं काफी खुश हूं. तेज गेंदबाज टेस्ट क्रिकेट में उम्दा प्रदर्शन कर रहे हैं. टेस्ट मैच जीतने के लिये 20 विकेट चाहिये जो चाहे स्पिनर लें या तेज गेंदबाज.’’
उन्होंने कहा,‘‘हमारे गेंदबाज 20 टेस्ट विकेट ले रहे हैं और हमारे पास हर टेस्ट जीतने का मौका है.’’