नई दिल्ली: भारत और श्रीलंका के बीच तीन मैचों की सीरीज का तीसरा और निर्णायक वनडे विशाखापट्टनम के डॉ. वाय. एस. राजसेखरा रेड्डी, एसीएस-वीडीसीए क्रिकेट स्टेडियम में खेला जाएगा. दोनों ही टीम सीरीज में 1-1 से बराबर चल रही है और इस मुकाबले को जीतने वाली टीम सीरीज अपने नाम कर लेगी. हालाकि भारतीय टीम के लिए ये मैदान बेहद खास रहा है. अब तक सात मुकाबले इस मैदान पर खेले गए हैं और भारत ने पांच मुकाबले अपने नाम किए हैं. वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत को एक मैच में हार मिली वहीं एक मैच बारिश के कारण नहीं हो पाया.


भारत के साथ ही ये मैदान भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी के लिए बेहद खास रहा है. इस मैदान पर खेला गए पहला वनडे  धोनी के नाम रहा. इस मैच से पहले तक धोनी के ऊपर टीम से बाहर होने का खतरा मंडरा रहा था लेकिन मैच खत्म होने के बाद धोनी पूरी तरह बदल चुके थे और मुड़ कर कभी भी पीछे नहीं देखा.


इस मुकाबले से पहले धोनी ने पांच मैच खेले थे जिसमें उनके बल्ले से सिर्फ 22 रन आए थे. लेकिन दो रन पर सचिन तेंदुलकर के रन  आउट होने के बाद कप्तान सौरव गांगुली ने नया दांव खेला और धोनी को तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए भेजा. पांच पारियों में फेल रहने वाले धोनी ने सहवाग का बखुबी साथ दिया और दूसरे विकेट के लिए 96 रनों की साझेदारी की. धोनी ने पाकिस्तान के हर गेंदबाज के साथ विश्व क्रिकेट को बता दिया कि नंबर तीन पर जिस बल्लेबाज को भेजा गया है वो आने वाले वक्त का सबसे बड़ा बल्लेबाज बनने वाला है.


नए जोश में दिख रहे धोनी ने पिछले पांच पारियों का कसर एक मैच में ही निकाल दी. उनके हर शॉट में आत्मविश्वास झलक रहा था. उन्होंने 123 गेंद में 148 रनों की पारी खेल टीम के स्कोर को 9 विकेट पर 356 तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई. धोनी ने उस मुकाबले में 15 चौके और 4 गगनभेदी छक्के लगाकर दिखा दिया कि कप्तान और चयनकर्ता उन पर अब तक भरोसा दिखाए हुए थे.


धोनी मुकाबले में मैन ऑफ द मैच बने और यहां से एक विश्व स्तरीय बल्लेबाज जिन्हें आज पूरा विश्व क्रिकेट मैच फिनिशर के नाम से जानता है.