भारत और न्यूजीलैंड के बीच होने वाले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) का फाइनल मुकाबला ड्यूक ब्रांड गेंद से खेला जाएगा. डब्ल्यूटीसी फाइनल मुकाबला लंदन के लॉर्ड्स मैदान पर होना था लेकिन इसे अब साउथम्पटन में कराया जा सकता है.


अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परषिद (आईसीसी) ने फिलहाल इस बारे में आधिकारिक घोषणा नहीं की है लेकिन उम्मीद है कि क्रिकेट की विश्व संस्था इस सप्ताह इसकी घोषणा कर सकता है. फाइनल मुकाबला साउथम्पटन के एजेस बॉल मैदान पर किया जा सकता है.


कोरोना वायरस के कारण प्रतिबंधों को देखते हुए आईसीसी को लॉर्ड्स की बजाए एजेस बॉल स्टेडियम में फाइनल कराने पर विचार करना पड़ा है. भारत ने हाल ही में इंग्लैंड को चार मैचों की सीरीज में 3-1 से हराकर डब्ल्यूटीसी के फाइनल में जगह बनाई थी. न्यूजीलैंड पहले ही इसके लिए क्वालीफाई कर चुका है. दोनों टीमों के बीच 18 से 22 जून तक फाइनल मुकाबला खेला जाना है. इस मैच के लिए 23 जून को रिजर्व डे रखा गया है.


क्या है ड्यूक बॉल


ड्यूक बॉल का इस्तेमाल क्रिकेट की दुनिया में काफी लंबे समय से होता आ रहा है. इसके अलावा एसजी और कूकाबुरा गेंद का इस्तेमाल होता है. ड्यूक बॉल बनाने वाली कंपनी दुनिया की सबसे पुरानी गेंद बनाने वाली कंपनी है. कहा जाता है कि ये करीब 225 सालों से गेंद बना रही है.


ड्यूक बॉल बनाने वाली कंपनी के मालिक दिलीप जजोदिया नामक एक भारतीय है. वो 1962 में इंग्लैंड पहुंचे. इंग्लैंड में दिलीप की कंपनी मॉरेंट क्रिकेट का सामान बनाने लगी. उन्होंने 1987 में ड्यूक कंपनी को खरीद लिया.


क्रिकेट नेक्स्ट डॉट कॉम को दिए एक इंटरव्यू में जजोदिया ने बताया था कि ये गेंद स्कॉटिश गाय के चमड़ी से बनाई जाती है. इसके लिए स्कॉटलैंड की एंगस गाय का के चमड़े का इस्तेमाल होता है.


जजोदिया के अनुसार उनकी कंपनी गाय के पीठ के हिस्से कका चमड़ा ही खरीदती है क्योंकि वो सबसे मजबूत होता है. ड्यूक बॉल फोर क्वार्टर गेंद है. इसका साफ मतलब है कि चमड़े के चार टुकड़े को जोड़कर इस गेंद को बनाया जाता है.