दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के निदेशक मंडल के आठ सदस्यों ने अध्यक्ष रजत शर्मा की सभी शक्तियों को वापस लेने के लिए एक संयुक्त प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किये हैं.


निदेशक मंडल डीडीसीए का फैसले लेने वाली इकाई है जिसके 16 सदस्यों में से आठ ने इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किये हैं. इस प्रस्ताव से नामी पत्रकार को सुचारू रूप से कार्य करने में परेशानी हो सकती है.


रविवार को हुई बैठक के दौरान जिन सदस्यों ने प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किये उनमें विनोद तिहारा, राजन मनचंदा, संजय भारद्वाज, आलोक मित्तल, अपूर्व गुप्ता, एसएन शर्मा, सुधीर अग्रवाल और नितिन गुप्ता शामिल हैं.


तिहारा (जिन्हें सचिव बनाया गया था) और पूर्व क्रिकेटर भारद्वाज ने रजत शर्मा के कार्यकाल के शुरूआत में ही विरोध करते हुए कहा था कि उन्हें उनके (रजत शर्मा) काम करने का तरीका पसंद नहीं.


तिहारा को हालांकि निलंबित किया गया था और उन्होंने इसके खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया था. निदेशक मंडल में सरकार के प्रतिनिधि गौतम गंभीर सहित आठ अन्य ने हालांकि इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं किये हैं.


इस प्रस्ताव में लिखा गया है, ‘‘डीडीसीए के दैनिक कामकाज के लिए दो जुलाई 2018 को निदेशक मंडल ने अध्यक्ष को जो शक्तियां दी थी उन्हें वापस लिया जाता है और सभी फैसले शीर्ष परिषद करेगी. हम इस बात का प्रस्ताव रखते हैं कि हमने मामले की अहमियत को देखते हुए इसे पारित किया है और इस मुद्दे को शीर्ष परिषद की अगली बैठक में उठाया जा सकता है.’’


डीडीसीए के एक सदस्य ने कहा, ‘‘रजत शर्मा की शक्तियों को पूर्ण रूप से वापस लेने के लिए बहुमत होना चाहिए और उनका विरोध कर रहे निदेशकों के पास बहुमत नहीं है. उनके पक्ष में 16 में से आठ सदस्य है. अगर उन्हें एक और हस्ताक्षर मिल भी जाता है तो अध्यक्ष उनके फैसले पर रोक लगाने के लिए अदालत का रूख कर सकते हैं.’’


उन्होंने कहा, ‘‘ इससे डीडीसीए में एक और गतिरोध उत्पन्न होगा क्योंकि उच्चतम न्यायालय के फैसले के मुताबिक वे अन्य प्रशासक को नियुक्त नहीं कर सकते. इस मामले को अब बीसीसीआई की प्रशासकों की समिति के समक्ष रखा जाएगा. हम निदेशक मंडल के फैसले को भेजने की तैयारी कर रहे हैं.’’


बीसीसीआई की नये संविधान के मुताबिक सभी शक्तियां शीर्ष परिषद के पास होगी ऐसे में डीडीसीए की निदेशक मंडल का यह प्रस्ताव कानूनी रूप से बाध्यकारी होगा या नहीं यह भी देखना होगा.


निदेशक मंडल ने इसके साथ ही मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) जीआर सक्सेना को हटाने की भी सिफारिश की.


रजत शर्मा से जब इस बारे में बात करने की कोशिश की गयी तब उन्होंने कहा कि वह अभी पेशेवर प्रतिबद्धताओं में व्यस्त है और जल्द ही संपर्क करेंगे.