भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के लोकपाल डीके जैन ने सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण जैसे पूर्व क्रिकेटरों द्वारा आईसीसी विश्व कप में कमेंटेटर की भूमिका निभाए जाने पर सवाल खड़े किए हैं.
जैन के मुताबिक ऐस में जबकि ये खिलाड़ी इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में विभिन्न फ्रेंचाइजी टीमों के साथ पहले से जुड़े हुए हैं, विश्व कप में कमेंटेटर के तौर पर इनकी भूमिका कैसे स्वीकार्य हो सकती है. जैन की इस आपत्ति पर बीसीसीआई और प्रशासकों की समिति (सीओए) सकते में है.
सर्वोच्च न्यायलय द्वारा गठित सीओए के एक सदस्य ने कहा कि समिति जैन द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब खोजने का प्रयास कर रही है. सदस्य ने कहा, "हां, हम इस मामले पर विचार करेंगे और इसका हल निकालने की कोशिश करेंगे. यह सच है कि इसमें अधिक रोक-टोक दिखाई दे रही है."
जैन ने न सिर्फ आईपीएल में फ्रेंचाइजी टीमों के साथ जुड़े पूर्व खिलाड़ियों के कमेंटेटर बनने पर आपत्ति जताई है बल्कि उन्होंने यह भी कहा है कि जिन खिलाड़ियों ने अब तक संन्यास नहीं लिया है, वे भला कैसे टेलीविजन पर एक्सपर्ट की भूमिका अदा कर सकते हैं.
हरभजन सिंह और पार्थिव पटेल जैसे खिलाड़ी कमेंटरी कर रहे हैं, जबकि इन्होंने संन्यास नहीं लिया है. ये दोनों आईपीएल के बीते संस्करण में भी खेले थे.
जैन ने कहा कि एक्सपर्ट के तौर पर ये खिलाड़ी लोढ़ा समिति की सिफारिशों का उल्लंघन कर रहे हैं क्योंकि इसमें साफ-साफ लिखा है कि एक खिलाड़ी को एक ही पद मिल सकता है और जबकि ये खिलाड़ी एक साथ विभिन्न पदों पर सक्रिय हैं.