कोरोना महामारी के कारण पिछले ढ़ाई महीने से क्रिकेट पर ब्रेक लगा हुआ है. इस दौरान दुनियाभर के क्रिकेटर्स सोशल मीडिया के माध्यम से अपने फैंस से बातचीत कर पुराने समय को याद कर रहे हैं. ऐसे में कई क्रिकेटरों ने कुछ दिलचस्प खुलासे भी किए हैं. अब इस फेहरिस्त में इंग्लैंड के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ टिम ब्रेसनन का नाम भी जुड़ गया है.


मुझे और अंपायर रॉड टकर को मिली थी जान से मारने की धमकी- ब्रेसनन


ब्रेसनन ने यार्कशायर क्रिकेट कवर्स ऑफ पोडकास्ट पर खुलासा किया कि 2011 में टेस्ट मैच में सचिन तेंदुलकर को एलबीडब्ल्यू आउट करने के बाद उनको और अंपायर रॉड टकर को जान से मारने की धमकी मिली थी. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस टेस्ट में सचिन इंटरनेशनल क्रिकेट में 100 शतक पूरे कर सकते थे, लेकिन 91 रनों के निजी स्कोर पर ब्रेसनन ने उन्हें एलबीडब्ल्यू आउट कर दिया. हालांकि, वो बहुत करीबी फैसला था, क्योंकि टीवी रीप्ले में साफ देखा गया था कि गेंद लेग स्टम्प के ऊपरी हिस्से को छू कर निकली थी.


ब्रेसनन ने कहा, ''उस टेस्ट सीरीज़ में रिव्यू नहीं था, क्योंकि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड तब इसके खिलाफ था. यह टेस्ट सीरीज़ का आखिरी मैच था, जो ओवल मैदान पर खेला जा रहा था. सचिन के उस वक्त इंटरनेशनल क्रिकेट में 99 शतक थे. जिस गेंद पर सचिन आउट हुए वो लेग स्टंप के बाहर जा रही थी, लेकिन अंपायर टकर ने उन्हें आउट दे दिया। वह उस वक्त शायद 80 या 90 रनों पर बल्लेबाज़ी कर रहे थे. निश्चित तौर पर वह उस मैच में शतक बना लेते. सचिन के आउट होने के बाद हमने सीरीज़ जीत और टेस्ट में नंबर वन भी बन गए.''


टकर को लेनी पड़ी थी पुलिस सुरक्षा- ब्रेसनन


इंग्लैंड के लिए 23 टेस्ट, 85 वनडे और 34 टी-20 इंटरनेशनल मैच खेलने वाले ब्रेसनन ने बताया कि इसके बाद उन्हें और अंपायर रॉड टकर को जान से मारने की धमकियां मिलने लगी थीं.


उन्होंने कहा, ''इसके बाद हम दोनों को जान से मारने की धमकियां मिलने लगीं थी. यह बहुत दिनों बाद तक चलता रहा था. अंपायर टकर के घर पर लोग धमकी भरे पत्र भेज रहे थे और उनसे सवाल कर रहे थे कि उन्होंने सचिन को कैसे आउट दे दिया. कुछ महीनों बाद जब मैं उनसे मिला तो उन्होंने मुझे बताया कि उन्हें सुरक्षा गार्ड तक मंगाने पड़े थे. यहां तक उन्हें ऑस्ट्रेलिया में पुलिस सुरक्षा भी लेनी पड़ी थी.''


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